Saturday, October 18

पार्टी हाईकमान के आदेश फिर ताक पर , गहलोत-पायलट गुट के मंत्रियों के बीच बयानबाजी, प्रदेश प्रभारी भी लपेटे में

जयपुर। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भले ही कांग्रेस नेताओं की ओर से एकजुटता के दावे किए जाते हों लेकिन आए दिन पार्टी नेताओं के बीच बयानबाजी और गुटबाजी इन दावों की पोल खोलती नजर आती है। पार्टी में गुटबाजी और धड़ेबंदी कई बार सामने आ चुकी है, आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी हो रहे हैं।

इन सबके बीच सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस में पार्टी हाईकमान के आदेश भी बेअसर साबित हो रहे हैं, जिससे नेताओं की बयानबाजी पर कोई रोक नहीं लग पा रही है। हैरत की बात तो यह है कि बयानबाजी करने वाले नेता अब पार्टी हाईकमान और प्रदेश प्रभारी को भी निशाने पर ले रहे हैं।

इसे लेकर कांग्रेस के सियासी गलियारों में भी चर्चाएं खूब हैं। चर्चा इस बात की है कि जब नेता पार्टी हाईकमान के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं तो फिर आम कार्यकर्ताओं के बीच पार्टी हाईकमान के आदेश कैसे असर दिखाएंगे।

25 सितंबर की घटना के बाद से लगातार जारी है बयानबाजी
दरअसल बीते साल 25 सितंबर को रायशुमारी के लिए बुलाई गई पार्टी की आधिकारिक विधायक दल की बैठक के विरोध में समानांतर बैठक बुलाए जाने और गहलोत गुट के विधायकों की ओर से सामूहिक इस्तीफे दिए जाने के बाद से ही सचिन पायलट गुट और अशोक गहलोत गुट के नेताओं के बीच बयानबाजी चरम पर है, तब से लेकर आज तक दोनों खेमों से जुड़े नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। हालांकि बयानबाजी रोकने के लिए कई बार पार्टी हाईकमान के आदेश भी होते हैं लेकिन आदेशों की भी लगातार अवहेलना हो रही है।

सचिन पायलट के अनशन पर गहलोत गुट के मंत्री ने उठाए थे सवाल
वहीं हाल ही में पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग को लेकर अनशन की घोषणा करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर गहलोत गुट के मंत्री रामलाल जाट ने सवाल खड़े किए थे। रामलाल जाट ने सचिन पायलट समर्थक विधायकों पर निशाना साधा था तो इसके जवाब में पायलट गुट के मंत्री हेमाराम चौधरी और कई अन्य नेताओं ने रामलाल जाट को निशाने पर लिया था। सोमवार को वन टू वन संवाद कार्यक्रम के बाद भी रामलाल जाट ने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा था कि पार्टी में ऐसे लोग आ गए हैं जिनकी वजह से पार्टी की बदनामी हो रही है।

राजेंद्र गुढ़ा ने प्रभारी रंधावा को लिया निशाने पर
वहीं सोमवार को सचिन पायलट गुट के माने जाने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने एक कार्यक्रम के दौरान सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को ही निशाने पर लेते हुए धमकी तक दे डाली थी। इसे लेकर भी सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है। मंत्री गुढ़ा ने आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा कि प्रदेश प्रभारी में दम है तो अनशन पर मामले में सचिन पायलट पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई करके बताएं, छठी का दूध याद दिला देंगे।

हाईकमान के बाद मुख्यमंत्री ने भी दी थी बयानबाजी नहीं करने की नसीहत
इससे पहले नेताओं की लगातार बयानबाजी को लेकर जहां पार्टी हाईकमान ने किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं करने की नसीहत पार्टी नेताओं और मंत्रियों को दी थी तो वहीं हाल ही में हुई कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तमाम मंत्रियों को सार्वजनिक और मीडिया में किसी प्रकार की कोई बयान बाजी नहीं करने की नसीहत दी थी लेकिन मुख्यमंत्री की नसीहत का भी कोई असर होता दिखाई नहीं दिया।

मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बयान से प्रदेश प्रभारी नाराज
इधर मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की ओर से दिए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी नाराज बताए जा रहे हैं। चर्चा है कि प्रभारी रंधावा ने राजेंद्र गुढ़ा के बयान का वीडियो भी मंगवाया है और उसे देखने के बाद ही कोई न कोई फैसला इस पर ले सकते हैं।