Sunday, October 19

गहलोत बनाम पायलट, दिल्ली में सचिन पायलट ने साफ-साफ बोल दी अपनी बात

राजस्थान कांग्रेस के सियासी संकट का समाधान खोजने का जिम्मा मिलने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पायलट से करीब दो घंटे तक चर्चा की। इस दौरान संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। चर्चा के दौरान पायलट और गहलोत के बीच मतभेद को खत्म करने के तरीकों पर बात हुई। अन्य नेताओं के साथ भी मंथन चल रहा है। जरूरत पड़ी तो कमलनाथ सीएम गहलोत से भी चर्चा करेंगे। आखिर में राहुल से बात कर सुलह का स्थाई फॉर्मूला निकालेंगे।

ये बोले सचिन
सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट ने कमलनाथ और वेणुगोपाल के सामने अपनी शिकायतें रखीं और पार्टी से उनके प्रति अपना व्यवहार बदलने को कहा। सचिन ने यह भी साफ किया कि उनका अनशन पार्टी विरोधी नहीं था, बल्कि उन्होंने जनहित के मुद्दे को उठाया है। कमलनाथ ने बताया कि अभी उनका राजस्थान जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है।

पुराने अनुभवों से लिया सबक
कांग्रेस के पुराने अनुभव सामने हैं। इनसे सबक लेते हुए पार्टी ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहती, जिससे नुकसान हो। पंजाब में आपसी विवाद के चलते कांग्रेस को सरकार गंवानी पड़ी। मध्यप्रदेश में भी कुछ इसी प्रकार की स्थिति बनी। यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने के कारण सरकार अल्पमत में आई। इसलिए राजस्थान के मामले में कांग्रेस को कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।