विधानसभा चुनाव से करीब साढ़े सात माह पहले कांग्रेस में बढ़ रही तल्खी में नया मोड़ आ गया। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने टोंक विधायक सचिन पायलट के अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
विधानसभा चुनाव से करीब साढ़े सात माह पहले कांग्रेस में बढ़ रही तल्खी में नया मोड़ आ गया। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने टोंक विधायक सचिन पायलट के अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
रंधावा ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में दो टूक कहा कि किसी भी हालत में राजस्थान को पंजाब नहीं बनने देंगे। खास बात यह है कि रंधावा ने यह बयान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद दिया। शीर्ष नेतृत्व के इन तेवरों से पायलट की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं। पायलट के प्रकरण पर गुरुवार को दिल्ली में पुन: बैठक होने की उम्मीद है।
रंधावा ने मंगलवार को खरगे से संक्षिप्त मुलाकात में पायलट के अनशन प्रकरण की प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की। इसके बाद रंधावा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पायलट के अनशन और उससे पहले और बाद में दिए गए भाषण एवं बयानों का भी अध्ययन करेंगे। पायलट के उठाए मुद्दे सही हैं, लेकिन उनका तरीका गलत है। सितम्बर में विधायक दल की बैठक में हुई अनुशासनहीनता पर लम्बित कार्रवाई के सवाल पर रंधावा बोले कि मैं उस समय प्रभारी होता तो इस सवाल का जवाब जरूर देता।
मैं सही बात को सही और गलत को गलत कहता हूं। वैसे कार्रवाई तो पहले भी कई बार होनी चाहिए थी, लेकिन कुछ गलत है तो कार्रवाई होगी। इस बीच पायलट बुधवार को दिनभर दिल्ली में रहे लेकिन उनकी पार्टी नेताओं से मुलाकात नहीं हो सकी। सूत्रों के मुताबिक खरगे की पायलट के प्रकरण में राहुल गांधी से भी चर्चा हुई। यह चर्चा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी से खरगे की मुलाकात के बाद हुई।