विदिशा. एमपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी परीक्षाओं के परिणाम क्या लेट आएंगे! यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि इन परीक्षाअें की कापियां जांचने का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है।
जिले में बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य जारी है। स्थानीय उत्कृष्ट विद्यालय मूल्यांकन केंद्र में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में 19 मार्च से मूल्यांकन कार्य शुरू हुआ। गुरुवार तक 47 हजार 100 कापियां ही जांची जा सकी, जबकि यहां सवा लाख कापियां जांचना है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र में हायर सेकंडरी की 54 हजार एवं हाईस्कूल की 71 हजार कापियों का मूल्यांकन होना है। इनमें अब तक हायर सेकंडरी की 22 हजार उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा चुका। हाईस्कूल की 25 हजार 100 उत्तरपुस्तिकाएं जांची जा चुकी हैं। इस तरह अब तक कुल 47 हजार कापियों का मूल्यांकन हो चुका है।
हालांकि डीईओ विनोद चौधरी बताते हैं कि बोर्ड जो भी समयसीमा तय करेगा, इससे पूर्व ही मूल्यांकन का कार्य पूर्ण करा लिया जाएगा। मूल्यांकन कार्य पूरी निष्पक्षता के साथ किया जा रहा है। यह पूरा कार्य सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में चल रहा है। बोर्ड के समय-समय पर मिलने वाले आदेशों के तहत कार्य किया जा रहा है।
परिसर की गतिविधियों पर हर तरफ सीसीटीवी कैमरे की निगाह
मूल्यांकन में पूरी तरह सतर्कता बरती जा रही है। पूरा कार्य एवं परिसर की गतिविधियों पर हर तरफ सीसीटीवी कैमरे की निगाह है। मूल्यांकनकर्ताओं समेत सभी के लिए स्कूल के अंदर मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध है। यह मोबाइल जमा करा लिए जाते हैं। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मूल्यांकन कार्य हो रहा और शिक्षकों के जाते समय यह मोबाइल उन्हें लौटाए जाते हैं।
कक्षा 9वीं एवं 11वीं की परीक्षा के चलते कार्य प्रभावित
मूल्याकंन के संबंध में बताया गया है कि कक्षा 9वीं एवं 11वीं की परीक्षा के चलते यह कार्य प्रभावित हुआ, क्योंकि कई मूल्यांकन कर्ता इन परीक्षाओं में केंद्राध्यक्ष भी हैं। इस कारण कुछ गति प्रभावित हुई है। मूल्यांकन के प्रारंभ में राजनीति, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी आदि कुछ विषयों के कम मूल्यांकन कर्ता रहे।
यहां के कार्य को सबसे बेहतर माना
विदिशा में चल रहे मूल्यांकन कार्य को लेकर अब तक किसी तरह की शिकायत सामने नहीं आई है। मूल्यांकन कार्य से जुड़े शिक्षकों के मुताबिक भोपाल में होने वाली बैठकों में यहां के कार्य को सबसे बेहतर माना जा रहा है। इस कार्य किसी तरह की उदासीनता या किसी तरह की त्रुटि अब तक सामने नहीं आई है। यह कार्य पुराने अनुभवी शिक्षक कर रहे हैं। वहीं तीन वर्ष तक स्कूल में विषय का अध्ययन कराने वाले शिक्षक भी मूल्यांकन कार्य में शामिल हैं, जिन्हें मूल्यांकन कार्य से पूर्व प्रशिक्षित किया गया है।