गंजबासौदा। एक जमाने में शहर की प्यास बुझाने वाली पारासरी नदी अब गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है। इस पर लग चुके नाले का धब्बा छुटाने के लिए करीब 150 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नगर पालिका ने पारासरी और बेतवा नदी की गंदगी को दूर करने के लिए प्रस्ताव बनाया है।
दो बार बन चुके इस प्रस्ताव को तीसरी बार नए सिरे बनाया जा रहा है। इस प्रस्ताव के बारे में प्रदेश सरकार को जानकारी दे दी है और देश की विदेश मंत्री के कानों तक इस प्रस्ताव को पहुंचाने में यहां के जनप्रतिनिधियों को कामियाबी मिली है। जहां से कुछ अच्छे संकेत भी जनप्रतिनिधियों को मिले हैं। हालांकि इस बारे में जनप्रतिनिधि खुलकर नहीं बोल रहे हैं।
पारासरी और बेतवा नदी को नया जीवनदान देने के लिए पिछले दस साल से नगर पालिका कोशिश कर रही है। बताया जाता है कि दस साल पहले करीब ३५ करोड़ की लागत का प्रस्ताव बनाया गया था। जिस मंजूरी के लिए शहरी विकास प्राधीकरण के माध्यम से केन्द्र सरकार को भेजा गया था। लेकिन उस वक्त इस प्रस्ताव की फाइल आगे नहीं बढ़ी थी। इसके बाद तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष मोहन भावसार के कार्यकाल में भी दोनों नदियों को साफ स्वच्छ बनाने व शहर में सीबेज सिस्टम बनाने के लिए करीब १५० करोड़ की लागत का एक प्रस्ताव भी तैयार किया गया था। इस प्रस्ताव को प्रदेश सरकार तक पहुंचा दिया गया था लेकिन बात आगे नहीं बड़ी और इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।