तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 41 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं, वहीं हजारों की संख्या में घायल हुए है। राहत और बचाव कार्य भी अब लगभग समाप्त होने वाला है। इतने दिनों बाद भी मलबे में कई जिंदगियां दफन है। लेकिन तुर्की के इलाके में एक चमत्कार देखने को मिला है। भूकंप से बहुमंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। सैंकड़ों लोग मलबे में दब गए। इनमें से बहुत से लोगों को जिंदा निकाल लिया गया। लेकिन दो व्यक्तियों के साहस और धैर्य के आगे तो प्रकृति भी हार गई। तुर्की में एक व्यक्ति 11 दिन बाद मलबे से जिंदा निकला।
11 दिन दबे रहे मलबे में
कहते हैं कि जीवन जीने का हौसला हो तो एक बार मौत को पराजित किया जाता है। तुर्की में दो लोगों के मलबे के बीच रहकर संघर्ष ने ये साबित भी कर दिया। उन्हें विनाशकारी भूकंप के 11 दिन मलबे के बीच खोजा गया। इस बीच वे डेढ़ सप्ताह तक बिना कुछ खाए पीये कैसे जीवित रहे, ये किसी आश्चर्य से कम नहीं। इनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री ने शेयर कीं तस्वीरें
दरअसल, 6 फरवरी आए भूकंप के बाद इसी इस हफ्ते गुरुवार की शाम भूकंप के 261 घंटे बाद हाटे प्रांत में एक गिरी हुई इमारत के मलबे में दोनों व्यक्ति जीवित पाए गए। तुर्की में भूकंप आने के बाद ये दोनों लोग बिल्डिंग के मलबे में दग गए थे, इन्हें 11 दिन बाद जीवित बाहर निकाला गया। इस रेस्क्यू की तस्वीरें तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका ने शेयर की हैं। कोका के अनुसार, 33 वर्षीय मुस्तफा एवीसी को पहले निकाला गया। इसके बाद 26 वर्षीय मेहमत अली सकिरोग्लू के मलबे के बीच से निकाला गया।
वायरल हुआ वीडियो
तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि 33 वर्षीय मुस्तफा एवीसी एक स्ट्रेचर पर लेटे हुए हैं। वे रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे कर्मचारियों के फोन से बात कर रहे हैं। जबकि एक अन्य शख्स वहां रो रहा है। दरअसल, एवीसी अपनी मां और परिवार अन्य सदस्यों के बारे में पूछता है। बाद में जो शख्स एवीसी को फोन से बात करा रहा होता है उसके हाथ को वो चूमकर धन्यवाद देता है।