Tuesday, September 23

चीन को पसंद आया ‘मेक इन इंडिया’, यूपी और पंजाब में शुरू की बड़े निवेश की तैयारी

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नई दिल्‍ली। उत्‍तर भारतीय राज्‍यों में तेजी से सुधरते इंडस्ट्रियल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को देखते हुए पड़ोसी देश चीन भी ‘मेक इन इंडिया’ की ओर तेजी आकर्षित हो रहा है। कई चीनी कंपनियां उत्‍तर प्रदेश और पंजाब सहित दिल्‍ली से सटे दूसरे राज्‍यों में जमीन और कारोबारी मौके तलाश रही हैं। पंजाब में कारोबारी संभावनाओं को देखते हुए चीन के राजदूत ली यू चेंग पिछले सप्‍ताह पंजाब का दौरा कर चुके हैं। उन्‍होंने सोलर और फूड प्रोसेसिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में करीब 500 करोड़ रुपये के निवेश की उम्‍मीद जताई है। वहीं चीनी कंपनियां उत्‍तर प्रदेश में भी मैन्‍युफैक्‍चरिंग जोन स्‍थापित करने की योजना बना रही हैं। तकरीबन 50 चीनी कंपनियों ने एसोचैम से यूपी में निवेश के लिए संपर्क किया है।

मैन्‍युफैक्‍चरिंग जोन स्‍थापित करेंगी चीनी कंपनियां
कारोबारियों से जुड़ी संस्‍था एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने बताया कि उत्‍तर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और राज्‍य सरकार की ओर से उठाए जा रहे सकारात्‍मक कदमों के चलते चीनी कंपनियों यहां निवेश के मौके तलाश रही हैं। उन्‍होंने बताया कि करीब 50 चीनी कंपनियों ने एसोचैम से संपर्क किया है। ये चीनी कंपनियां उत्‍तर प्रदेश में मैन्‍युफैक्‍चरिंग जोन स्‍थापित करना चाहती हैं। यहां चीनी कंपनियों की रुचि ऑटो, आईटी और इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स जैसे उभरते सेगमेंट में निवेश को लेकर है। इस जोन के तहत अपनी टाउनशिप, स्‍कूल, अस्‍पताल और अन्‍य सुविधाएं स्‍थापित की जाएंगी। इस पूरी कवायद से राज्‍य में 30 हजार से 40 हजार लोगों को प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
भौगोलिक स्थिति का मिलेगा फायदा
रावत ने बताया कि चीनी कंपनियां भारत में कहीं भी मैन्‍युफैक्‍चरिंग जोन स्‍थापित कर सकती हैं। लेकिन भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो यूपी और पंजाब से बेहतर कोई दूसरी जगह नहीं है। हम चीनी कंपनियों को यूपी में निवेश के लिए इस लिए प्रोत्‍साहित कर रहे हैं क्‍यों कि यूपी न सिर्फ दिल्‍ली से सटा हुआ है बल्कि यूपी में बेसिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर विकसित करने की क्षमता भी मौजूद है।
यूपी में आ सकता है 1 लाख करोड़ का निवेश
केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया के लक्ष्‍य को हासिल करने में यह चीनी जोन एक बड़ी मदद कर सकता है। रावत ने बताया कि यदि राज्‍य सरकार कंपनियों को जमीन और टैक्‍स संबंधी रियायतें देती है, तो ये कंपनियां न सिर्फ खुद जोन स्‍थापित करेंगी। साथ ही 100 अन्‍य कंपनियों को अपने साथ यूपी में निवेश के लिए साथ लेकर आएंगी। रावत के अनुसार यदि यह प्रोजेक्‍ट सफल होता है, तो यह राज्‍य में 1 लाख करोड़ का निवेश आ सकता है।
चीन को दिखाई दिए पंजाब में कारोबा‍री मौके
पंजाब में कारोबारी मौके तलाशने के लिए पिछले सप्‍ताह अमृतसर पहुंचे चीन के एम्बेसडर ली यू चेंग ने कहा कि निवेश के लिए पंजाब एक बेहतर और लाभकारी राज्य है और यहां व्यापार की बहुत संभावनाएं हैं। चीन कंपनियां पंजाब में सोलर एंड रिन्युएबल एनर्जी, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, पावर सेक्टर और टेलीकॉम सेक्‍टर में निवेश को लेकर काफी उत्‍साहित हैं। उन्‍होंने बताया कि चीनी कंपनियां इन सेक्‍टर में 5000 करोड़ रुपए का निवेश कर सकती हैं। चाइनीज एम्बेसडर ने कहा कि इस साल के मई या जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा महत्वपूर्ण होगी। इस दौरान पंजाब में निवेश को लेकर एग्रीमेंट हो सकते हैं।
शंघाई-अमृतसर के बीच हो डायरेक्ट कनेक्टिवटी
अमृतसर शाल क्लब के सेक्रेटरी प्यारा लाल सेठ ने कहा कि टैक्‍सटाइल और वुलन वियर सेक्‍टर के लिए चीन बेहद अहम राज्‍य है। चीनी कंपनियां यदि भारत में यूनिट स्‍थापित करती हैं। तो इससे लोकल रॉ मटेरियल सप्‍लायर्स के लिए मौके बन सकते हैं। हालांकि बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि दोनों देशों के बीच सीधी कनेक्टिवटी हो। लिहाजा शंघाई और अमृतसर के बीच डायरेक्ट कनेक्टिव फ्लाइट शुरू किया जाना जरूरी है।