महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने बड़ा दावा कर सूबे की सियासत में खलबली मचा दी है। एनसीपी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बालासाहेबांची यानी बालासाहेब की शिवसेना (Balasahebanchi Shiv Sena) के कुछ विधायकों में नाराजगी है। शिंदे-फडणवीस सरकार पर जल्द ही ग्रहण लगने की संभावना है।
एनसीपी प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा, विदर्भ के अमरावती में बीजेपी समर्थक विधायक रवी राणा और शिंदे गुट के विधायक बच्चू कडू के बीच सियासी टकरार चरम पर है। शिंदे गुट के दो जन प्रतिनिधियों- जलगांव जिले में जलापूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटिल व विधायक चिमनराव पाटिल के बीच मौखिक युद्ध जारी हैं।
एनसीपी नेता ने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार की नई कैबिनेट में मंत्री पद का वादा किया था, लेकिन मंत्री पद नहीं दिया। इससे शिंदे खेमे के कुछ विधायक नाखुश हो गए हैं। कुछ विधायकों के शिंदे समूह को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
अमरावती के निर्दलीय विधायक रवि राणा और बच्चू कडू के बीच सार्वजनिक तौर पर झगड़ा चल रहा है। राणा ने आरोप लगाया था कि बच्चू कडू ने गुवाहाटी जाकर पैसे लिए थे। राणा के आरोपों को लेकर बच्चू कडू ने उनके खिलाफ स्थानीय थाने में मानहानि का मामला दर्ज कराया है।
एनसीपी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने दिवाली के लिए सौ रुपये में राशन किट उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। हालांकि इस योजना में शुरू से ही भ्रम की स्थिति थी। आरोप है की इस योजना में पाम तेल का एक लीटर का जो पैकेट दिया जा रहा है। इसे साल 2019 में बनाया गया था। राज्य सरकार ने आनन-फानन में ठेका दे दिया। तपासे ने इस मामले में जांच करवाने की मांग की है।