Sunday, October 19

ब्रिटेन में लिज सरकार पर संकट गहराया: वित्त मंत्री के बाद भारतीय मूल की गृह मंत्री का भी इस्तीफा, शाप्स बने नए गृहमंत्री

ब्रिटेन में करीब 45 दिन पहले ही गठित हुई लिज सरकार के पैर उखड़ने लगे हैं। छह सप्ताह पुरानी सरकार में दो बड़े मंत्रियों के इस्तीफे हो चुके हैं और पीएम गलतियों के लिए माफी मांग चुकी हैं। सर्वे में कंजरवेटिव पार्टी की लोकप्रियता 10 प्रतिशत तक गिर चुकी है। पांच दिन पहले ही वित्त मंत्री क्वासी क्वारटेंग के इस्तीफे के बाद अब भारतीय मूल की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। सुएला भारत के खिलाफ बयान देने के कारण कुछ दिनों से निशाने पर थीं। एक हफ्ते में यह दूसरा इस्तीफा है।

ब्रिटेन की नवगठित लिज सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पांच दिन पहले अमरीका से लौटकर वित्त मंत्री ने इस्तीफा दे दिया था और अब ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन को प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस ने सितंबर महीने में गृह मंत्री बनाया था। इससे पहले उनकी संसद में पीएम लिज़ ट्रस से मुलाकात हुई थी। अपने इस्तीफा में सुएला ब्रेवरमैन ने लिखा कि यह सभी जानते हैं कि हम एक कठिन दौर से गुज़र रहे हैं। सरकार जिस दिशा में जा रही है उसे लेकर मैं चिंतित हूं। सुएला ब्रेवरमैन के त्यागपत्र के बाद ग्रांट शाप्स को नए गृह मंत्री के रूप में चुना गया है। शाप्स पूर्व में परिवहन मंत्रालय संभाल चुके हैं। वे 2019 से लेकर सितंबर 2022 तक इस पद पर थे। परिवहन विभाग में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान, शाप्स को कई संकटों का सामना करना पड़ा, जिसमें COVID के दौरान अधिकांश परिवहन उद्योग को सब्सिडी देना भी एक है।

निजी मेल से सरकारी दस्तावेज भेजना बताया गलतीपूर्व सचिव ब्रेवरमैन ने दावा किया कि वह अपने व्यक्तिगत ईमेल से एक आधिकारिक दस्तावेज भेजने में ‘गलती’ के कारण इस्तीफा दे रही थीं। हालाँकि, इस्तीफे का दूसरा और तीसरा पैराग्राफ प्रधानमंत्री की परोक्ष आलोचना प्रतीत होता है। ब्रेवरमैन ने लिखा: ‘सरकार का काम अपनी गलतियों के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने वाले लोगों पर निर्भर करता है।…यह नाटक करना कि हमने गलतियाँ नहीं की हैं, इस तरह आगे बढ़ना जैसे कि हमें कोई नहीं देख रहा …और यह उम्मीद करना कि चीजें जादुई रूप से सही होंगी, गंभीर राजनीति नहीं है।’ ‘मैं एक गलती की है; मैं जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं; मैं इस्तीफा देती हूं।’

वादों को तोड़ाब्रेवरमैन ने अपने इस्तीफे में आगे लिखा है कि, “हमने न सिर्फ़ अपने मतदाताओं से किए गए वादों को तोड़ा है, बल्कि ये सरकार अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को लेकर भी प्रतिबद्ध नहीं दिखाई देती। घोषणापत्र में कहा गया था कि हम माइग्रेशन को कम करेंगे। इसमें खासतौर से उस अवैध माइग्रेशन को रोकना था जिसमें जल मार्ग से लोग अवैध तरीके से देश में प्रवेश करते हैं।” इसे भी सीधे तौर पर पीएम लिज ट्रस की आलोचना ही माना जा रहा है।

सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि गृह मंत्रालय में काम करना उनके लिए बड़े सम्मान की बात रही है। उन्होंने लिखा, यहां रहने के बाद एक बात मुझे साफ हुई है कि ब्रिटिश लोगों की प्राथमिकताओं को पूरा करने के मामले में बहुत कुछ करना है…। उन्होंने लिखा कि वे विशेष तौर पर उन पुलिसकर्मियों और महिलाओं का धन्यवाद करती हैं जो सीमा पर काम कर रहे हैं।

पार्टी के अंदर ही ट्रस का विरोध शुरू

इस बीच, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद पर लिज़ ट्रस के बने रहने को लेकर अटकलें तेज़ होती जा रही हैं। सोमवार को ही क्वाज़ी क्वार्टेंग ने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दिया था जिसके बाद जेरेमी हंट को नया वित्त मंत्री बनाया गया। प्रधानमंत्री पद के लिए अपने प्रचार के समय लिज़ ट्रस ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और टैक्स कटौती के जो वादे किए थे अब वे उनसे यू-टर्न ले रही हैं। जो फै़सले क्वाज़ी क्वार्टेंग ने वित्त मंत्री के रूप में लिए थे उन्हें नए वित्त मंत्री ने पलट दिया है।

भारत के खिलाफ बयान के कारण निशाने पर थीं ब्रेवरमैन

सुएला भारत के खिलाफ बयान देने के कारण कुछ दिनों से निशाने पर थीं। प्रधानमंत्री लिज ट्रस मंत्रिमंडल से पिछले एक हफ्ते में यह दूसरे मंत्री का इस्तीफा है। इससे पहले टैक्स कटौती के मसले पर हो रही आलोचना के बाद लिज ट्रस ने वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग को बर्खास्त कर दिया था। पिछले महीने ही ब्रिटेन में लिज ट्रस के नेतृत्व में नई सरकार बनी है, जो अपने आर्थिक फैसलों जैसे टैक्स कटौती को लेकर विवादों में है। वहीं, पिछले हफ्ते ब्रिटिश मंत्री ब्रेवरमैन ने संकेत दिया था, कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता दिवाली तक होने की उम्मीद नहीं है। हालांकि एक सप्ताह बाद ही सुएला अपने फैसले से पलट गईं थी। वीजा अवधि को लेकर भारतीयों पर अपनी हालिया विवादास्पद टिप्पणी से यू टर्न लेने के प्रयास में मंत्री ने कहा था कि ब्रिटेन के गांव, कस्बे और शहर भारत से आप्रवासन द्वारा समृद्ध हुए हैं। स्वाभाविक रूप से दोनों देशों के लिए एक साथ काम करना आर्थिक जरूरत है, यही वजह है कि हम एक व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने के लिए हम इतने उत्सुक हैं।