इंदौर. इंदौर-दाहोद रेलवे लाइन के पास स्थित टीही में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क बनेगा। 200 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह पार्क सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक्स पार्क होगा। इसके बनने से इंदौर-पीथमपुर के अलावा मालवा और निमाड़ के अन्य उद्याेगों को अपने उत्पाद आयात-निर्यात के लिए रतलाम भेजने की जरूरत नहीं होगी। इससे समय और परिवहन खर्च में करीब 20 फीसदी की कमी आएगी। इसके अलावा आयात-निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी।
पार्क के लिए कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और राज्य शासन के बीच चर्चा हो गई है। ट्राइफेक ने 30 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन और उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। कॉर्पोरेशन भू-स्वामियों से आपसी सहमति नीति के तहत जमीन खरीदकर मुआवजा देगा। फिलहाल पीथमपुर और इंदौर के औद्योगिक क्षेत्रों के लिए पीथमपुर में तीन लॉजिस्टिक्स पार्क बने हुए हैं, लेकिन इनमें मल्टीमोडल की सुविधाएं नहीं हैं। यहां के उद्योगों के उत्पादों को रतलाम से ट्रेनों के माध्यम से दूसरी जगह भेजा जाता है।
90 हजार कंटेनर हर साल आते-जाते हैं
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी का कहना है पीथमपुर के तीनों लॉजिस्टिक्स पार्क से सालाना 90 हजार कंटेनर आते-जाते हैं। डीएमआरसी और इंदौर-दाहोद रेलवे लाइन बनने के बाद यह संख्या दोगुना से ज्यादा हो जाएगी। वैसे भी सेंट्रल इंडिया में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क की कमी है। इस तरह के पार्क में पाइप लाइन, क्रेन्स, एस्केलेटर्स सहित कई आधुनिक मशीनें होती हैं जो हर तरह के कंटेनर को लोड-अनलोड कर सकती हैं।
इसलिए जरूरी है ये पार्क
इंदौर-पीथमपुर क्षेत्र दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआरसी) से जुड़ा है। यहीं इंदौर-दाहोद रेलवे लाइन का काम चल रहा है। ये दोनों प्रोजेक्ट पूरे होने से पूरा औद्योगिक क्षेत्र इसी एरिया में विकसित होगा। टीही में पार्क बनने से 370 वर्ग किमी क्षेत्र में लगे उद्योगों के उत्पाद और कच्चे माल के कंटेनर वहीं इकट्ठा कर सीधे रेल में लोड-अनलोड किए जाएंगे।