Sunday, September 28

शिवमोग्गा में सावरकर के पोस्टर को लेकर बढ़ा विवाद, धारा 144 लागू

वीर सावरकर और टीपू सुल्तान को लेकर जारी सियासत के बीच कर्नाटक के शिवमोग्गा में स्वतंत्रता दिवस पर अमीर अहमद सर्कल में वीर सावरकर का पोस्टर लगाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया। यहां कुछ लोगों ने पोस्टर का विरोध किया। पुलिस ने विवाद बढ़ता देख सावरकर की तस्वीर हटा दी। सावरकर के पोस्टर हटाने के प्रयासों के विरोध के बाद कर्नाटक पुलिस ने शिवमोगा जिले के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। दरअसल, यहां एक समुदाय की तरफ से लगाए गए सावरकर के पोस्टर का दूसरे समुदाय के लोगों ने विरोध किया था। वहीं, पुलिस द्वारा पोस्टर हटाए जाने के बाद इसके विरोध में लोग वहां बैठकर ही प्रदर्शन करने लगे।

इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस ने तत्काल प्रभाव से शिवमोग्गा शहर में धारा 144 लागू कर दी और इलाके के भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। शिवमोग्गा पुलिस ने बताया, “टीपू सुल्तान के अनुयायियों के एक समूह ने शहर के अमीर अहमद सर्कल में टीपू सुल्तान के बैनर लगाने के लिए वीडी सावरकर के बैनर हटाने की कोशिश के बाद सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस को हल्का हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।”
खबर है कि टीपू सुल्तान के फॉलोवर्स के एक ग्रुप द्वारा शहर के अमीर अहमद सर्कल में टीपू सुल्तान के बैनर लगाने के लिए विनायक दामोदर सावरकर के बैनर को हटाने की कोशिश की थी, जिसके बाद प्रशासन द्वारा कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया। कहा जा रहा है कि इस विवाद के बीच मारपीट की घटना में एक शख्स घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
इससे पहले कर्नाटक सरकार द्वारा छपवाए गए एक विज्ञापन पर भी विवाद देखने को मिला था। पीएम मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कर्नाटक सरकार ने 14 अगस्त को छपे अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित करावाया था। इस विज्ञापन में देश की आजादी में बड़ी भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को जगह दी गई थी। मगर विवाद इस बात पर शुरू हो गया कि राज्य सरकार के इस विज्ञापन से देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू गायब थे, जबकि इनकी जगह विनायक सावरकर को जगह दी गई थी।