जिला और जनपद सदस्यों के निर्वाचन के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए उठापटक जारी है। गोगावां जनपद में इस तरह का घमासान देखने को मिल रहा है। जहां पार्टी पार्टी नेताओं के बीच लड़ाई खुलकर सामने आ गई। जिला पंचायत में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी रहे बापूसिंह परिहार के खिलाफ पार्टी के एक धड़ा विरोध में उतर आया। जिनका कहना है कि परिहार द्वारा जनपद में पत्नी को अध्यक्ष बनाने के लिए निर्वाचित सदस्यों का अपहरण का किया गया है। यह शिकायत लेकर शुक्रवार को गोगावां क्षेत्र के ग्राम आधा दर्जन गांवों से आए लोगों ने भाजपा कार्यालय पहुंचकर पार्टी के पदाधिकारियों के सामने यह पीड़ा जाहिर की। सोरण रूपखेड़ा, जोजनखेड़ी, दसनावल, रेटवा, सिगनूर, पिपलई और टेमरना आदि जगह से 100 से अधिक कार्यकर्ता खरगोन पहुंचे। जिन्होंने भाजपा कार्यालय में पार्टी जिलाध्यक्ष राजेंद्र राठौर व कल्याण अग्रवाल के सामने अपनी बात रखी। अखिल आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष शंकर बरड़े ने बताया कि वह भाजपा के जमीन सिपाही है। क्षेत्र में सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर बापूसिंह को जिपं चुनाव में मदद कर जिताया है। वहीं जनपद में उनकी पत्नी चंपाबाई नागझिरी क्षेत्र से निर्वाचित हुई। पार्टी की गाइडलाइन के अनुसार एक कार्यकर्ता को दो पद नहीं दिए जा सकते। फिर भी बापूङ्क्षसह द्वारा जोड़-तोड़ कर अपनी पत्नी को जनपद अध्यक्ष बनाने के लिए प्रयासरत है। इसलिए छह जनपद सदस्यों को गायब कर दिया और जिले के बाहर भेज दिया।
अपनी बात रखी…
जिला पंचायत में अध्यक्ष की सीट खोने का डर भाजपा के साथ कांग्रेस को भी है। इसलिए निर्वाचित सदस्यों को सेफ जोन में रखने के लिए आलाकमान भी अलर्ट है। सूत्रों से खबर है कांग्रेस के निर्वाचित सदस्य की भोपाल में परेड हुई। इन्हें अरुण यादव अपने साथ लेकर पहुंचे है। यादव के नेतृत्व में ही सभी कार्यकर्ताओं ने प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ से भेंट की। इनमें कुछ सनावद निकाय के निर्वाचित पार्षद भी शामिल हैं। इस दौरान भगवानपुरा के विधायक केदार डावर भी मौजूद थे। दरअसल, कांग्रेस की ओर से यह पूरी कवायद सेंधमारी से बचने और सदस्यों को टूटने से बचाने को लेकर हो रही है। उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत के 26 सीटों में से 12 पर कांग्रेस और 10 भाजपा सदस्य निर्वाचित हुए हैं। वहीं चार सीटों पर निर्दलीय चुने गए। बहुमत के लिए 14 का जादूई आंकड़ा चाहिए।