विदिशा। समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी के लिए पंजीयन का कार्य शुरू हो चुका है यह पंजीयन 28 जुलाई तक चलेगा। समर्थन मूल्य की तैयारियों के बीच छोटे, मझोले किसान बड़ा झटका महसूस कर रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि छोटे किसान समर्थन मूल्य खरीदी का इंतजार करते रहे और उन्हें मजबूरी में कम दाम में मंडी में मूंग बेचना पड़ी है। अब समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी का लाभ सिर्फ बड़े किसान ही उठा पाएंगे।
मालूम हो कि समर्थन मूल्य पर अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में किसानों ने इस बार करीब 13 हजार हैक्टेयर में ग्रीष्म कालीन मूंग की फसल लगाई थी। करीब एक माह पहले इस फसल की कटाई भी हो चुकी थी। इस दौरान समर्थन मूल्य खरीदी के लिए किसानों ने मांग भी उठाई लेकिन खरीदी के कोई आसार नजर नहीं आए। किसान नेताओं का कहना है कि छोटे किसानों के पास बारिश से मूंग को सुरक्षित रखने के कोई इंतजाम नहीं होने एवं आगामी फसल की तैयारी की भी चिंता थी ऐसे में अधिकांश किसानों को अपनी मूंग बेचने बेचने मंडी जाना पड़ा। पूरे जून माह मूंग की अच्छी आवक रही, लेकिन सरकारी खरीदी नहीं होने से किसानों को मंडी में अपेक्षानुरूप दाम नहीं मिले उन्हें समर्थन मूल्य से बहुत कम 4500 से 6000 रुपए तक प्रति िक्वंटल दाम में यह मूंग बेचेना पड़ी है और किसानों को हर िक्वंटल पर एक हजार से 1500 रुपए तक का नुकसान उठाना पड़ा है। जबकि मूंग का समर्थन मूल्य 7275 रुपए है।
1 जून से 17 जुलाई तक 1480 किसान मंडी में बेच चुके मूंग
मिली जानकारी के मुताबिक मंडी में जून माह से मूंग की खरीदी शुरू हो चुकी है। प्रशासन ने भी इसकी जानकारी निकलवाई जिसमें जून से 17 जुलाई तक 1 हजार 480 किसानों मूंग फसल मंडी में बेच चुके और अब तक 9 हजार 36 िक्वंटल मूंग का विक्रय हो चुका है। जबकि पिछले वर्ष की मूंग खरीदी की िस्थति देखें तो 506 किसानों से समर्थन मूल्य पर कुल 7 हजार 471 िक्वंटल मूंग की खरीदी हुई थी। इस तरह जितनी मूंग गत वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदी गई उससे ज्यादा मूंग इस बार मंडी में बिक चुकी है।
बड़े किसान उठाएंगे लाभ
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिला उपाध्यक्ष राजकुमार बघेल का कहना है कि सरकार सभी किसानों को लाभ देने की बात करती है लेकिन शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने की योजना हो या समर्थन मूल्य खरीदी इसका ज्यादातर लाभ बड़े किसान ही उठा पा रहे हैं। उनका कहना है कि मूंग की फसल डेढ़ माह पहले आ चुकी और करीब 80 प्रतिशत किसान मूंग फसल बेच चुके हैं। अब डेढ़ माह बाद इसके पंजीयन शुरू हुए ऐसे में बड़े किसान ही जिनके पास मूंग के भंडारण की व्यवस्था थी वे ही समर्थन मूल्य पर मूंग बेचकर इसका लाभ ले सकेंगे वहीं व्यापारी भी इसका लाभ लेने सक्रिय होंगे।
इधर गड़बड़ी रोकने कृषि विभाग के चल रहे प्रयास
वहीं समर्थन मूल्य खरीदी में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए कृषि विभाग सक्रिय हुआ है। उपसंचालक पीके चौकसे ने बताया कि मंडी में अब तक कितने किसानों ने मूंग बेची उनके नाम, गांव सहित सूची निकलवाई गई है। यह सूची खरीदी केंद्रों को दी जाएगी जहां अनाज खरीदी के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि किसान या किसान के नाम पर कोई भी मूंग का गलत तरीके से विक्रय न कर सके। इसी तरह गोदामों में मूंग का कितना भंडारण है इसकी भी जानकारी ली गई है।
इन ब्लाॅकों में यहां होंगे पंजीयन
विपणन सहकारी समिति मर्यादित विदिशा, विपणन सहकारी समिति मर्यादित सिरोंंज, विपणन सहकारी समिति मर्यादित कुरवाई, विपणन सहकारी समिति नटेरन, विपणन सहकारी समिति मर्यादित बासौदा, विपणन सहकारी समिति मर्यादित लटेरी, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित अटारीखेजड़ा में 28 जुलाई तक किसानों के पंजीयन किए जाएंगे।