Friday, September 26

संभाग की सबसे धनाड्य नगर पालिका का अध्यक्ष बनाने खींचतान, निर्दलियों पर दाव लगा रहे दोनो राजनैतिक दल

शहडोल. जिले की धनपुरी नगर पालिका में चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी के लिए जमावट शुरू हो गई है। नगर सरकार बनाने में निर्दलीयों की भूमिका अहम है। 28 सीटों वाली नगर पालिका में कांग्रेस को 13 सीटें, भाजपा को 9 और निर्दलीयों के खाते में छह सीटें गई हैं। कांग्रेस को वैसे तो सिर्फ दो सीट की जरूरत है, लेकिन सभी छह निर्दलीयों को साथ लेकर भाजपा भी अध्यक्ष बनाने की तैयारी में जुट गई है। इसके अलावा कुछ कांग्रेस पार्षदों के साथ ही भाजपा नेताओं की अंदरखाने की बातचीत चल रही है। अध्यक्ष पद ओबीसी (ओपन) आरक्षित है। धनपुरी की नगर सरकार दोनों ही पार्टियों के लिए प्रमुख है। चुनाव में तो कांग्रेस ने बाजी मार ली है, लेकिन अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस की राह उतनी आसान नहीं है, जितनी नजर आ रही है। दूसरी ओर संगठन स्तर पर भी उच्च स्तर से दोनों दल जमावट में जुटे हुए हैं। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने धनपुरी में अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी नेताओं को पूरी ताकत से जुटने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी भी करीब 23 वर्ष बाद हाथ में आए मौके को गंवाना नहीं चाहती है। पार्टी आलाकमान के निर्देश पर रीवा से कांग्रेस के पर्यवेक्षक राजेन्द्र मिश्रा परिणाम के अगले दिन गुरुवार को ही धनपुरी पहुंच गए हैं। शाम को उन्होंने पार्टी के सभी पार्षदों के साथ बैठक कर इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। फिलहाल धनपुरी में तीन से चार तरह के समीकरण बन रहे हैं।
कांग्रेस में अध्यक्ष के लिए एक राय नहीं
कांग्रेस को अध्यक्ष बनाने के लिए दो पार्षदों की जरूरत है। ऐसे में दो निर्दलीयों के समर्थन की आवश्यकता होगी, लेकिन अध्यक्ष पद के दावेदारों को लेकर पार्टी में एकराय नहीं है। वर्तमान में कांग्रेस से अध्यक्ष पद के सबसे प्रबल दावेदार वार्ड तीन से निर्वाचित शोभाराम पटेल हैं। हालांकि पार्र्टी के अंदर ही उनका विरोध हो रहा है। अगर पार्टी की ओर से उनको आगे किया जाता है तो क्रॉस वोटिंग भी हो सकती है। वहीं दूसरे दावेदार वार्ड 18 से निर्वाचित आनंद मोहन जायसवाल हैं। अगर पार्टी उन पर दाव लगाती है तो शोभाराम पटेल पार्टी से किनारा कर सकते हैं, क्योंकि उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस में सिर्फ हनुमान खंडेलवाल का ही नाम चल रहा है। जबकि भाजपा की ओर से अध्यक्ष बनने पर शोभाराम पटेल को उपाध्यक्ष बनाने का प्रलोभन दिया जा रहा है।
हर तरह से दांव लगा रही भाजपा
दूसरी ओर भाजपा से अध्यक्ष की एक मात्र दावेदार वार्ड 1 से निर्वाचित रविन्दर कौर हैं। पार्टी को अध्यक्ष पद के लिए छह पार्षदों की जरूरत होगी। इसके लिए पार्टी हर तरह के दांव लगा रही है। सभी छह निर्दलीयों से संपर्क किया ही जा रहा है। इसके साथ ही कुछ कांग्रेस पार्षदों को भी अपने पाले में करने की कवायद की जा रही है। भाजपा का पूरा फोकस अध्यक्ष बनाने के लिए है। जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए वह कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं से संपर्क कर रही है। अगर भाजपा तीर सही निशाने पर लगता है और वह दो कांग्रेस पार्षदों को तोडऩे में भी सफल रहती है तो उसके पार्षदों की संख्या 11 हो जाएगी। वहीं कांग्रेस भी 13 से घटकर 11 पर आ जाएगी। फिर चार निर्दलीयों का समर्थन लेकर भाजपा अध्यक्ष बना सकती है। इधर मौके की नजाकत को देखते हुए सभी निर्दलीय भी एकजुटता बना रहे हैं। क्योंकि तीन से तीन टूट गए तो बाकी की पूछ परख नहीं होगी। इस संबंध में निर्दलीयों की भी आपस में बैठक हो चुकी है। जोड़-तोड़ को लेकर मंथन चल रहा है।
आधा दर्जन वार्डों में बागियों ने भाजपा को हराया
धनपुरी भाजपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी इस बार भाजपा की हार का कारण बने हैं। करीब एक दर्जन वार्डोंे में बागियों ने मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया था। इसमें मुख्य रूप से वार्ड नंबर 1, 2, 3, 4, 5, 7, 9, 11, 12, 20, 21, 24, 27 शामिल रहे। यही कारण है कि वार्ड क्रमांक 2, 3, 5, 21 व 27 में कांग्रेस की जीत हुई है। वहीं वार्ड 7, 11, 12 में निर्दलीय जीते हैं।