खंडवा. औषधि प्राधिकारी इंदौर में बैठकर खंडवा के मेडिकल स्टोरों का लाइसेंस चेक कर रहे हैं। मेडिकल स्टोरों पर मल्टी विटामिन समेत अन्य दवाओं के सैंपल तक नहीं लिए जा रहे है। इसकी वजह जिला मुख्यालय पर औषधि प्राधिकारी का पद चार साल से इंदौर के प्रभार पर है। ऑनलाइन आवेदनों के बगैर भौतिक सत्यापन लाइसेंस जारी हो रहे हैं। एक औषधि निरीक्षक के भरोसे मेडिकल स्टोरों पर दवा बिक्री की निगरानी की जा रही है।
दवाओं की बिक्री बगैर डॉक्टर के पर्चे बेची जा रही
जिले में 700 से अधिक मेडिकल स्टोर हैं। अधिकांश मेडिकल स्टोरों पर कई दवाओं की बिक्री बगैर डॉक्टर के पर्चे बेची जा रही है। इसकी मॉनीटरिंग के लिए जिला मुख्यालय पर वर्ष 2015 से लेकर अब तक औषधि प्राधिकारी पदस्थ नहीं है। वर्तमान में एक औषधि निरीक्षक के भरोसे व्यवस्था है। औषधि प्रशासन कार्यालय में पदस्थ निरीक्षक के पास सैंपल लेने का अधिकार है, लेकिन लाइसेंस रिन्युअल और नए लाइसेंस जारी के अधिकार नहीं है। बताया गया कि वर्ष 2015 से 18 तक कपिल नागर पदस्थ रहे। इनके पास लाइसेंस अथॅारिटी थी।
जिला स्तर पर लाइसेंस अथॉरिटी थी
इससे पहले भी पदस्थ रहे अधिकारियों के पास जिला स्तर पर लाइसेंस अथॉरिटी थी। औषधि प्राधिकारी के जिला मुख्यालय पर पदस्थापना नहीं होने से मेडिकल स्टोरों पर मनमानी व्यवस्थाएं संचालित हो रही हैं। लाइसेंस रिन्युअल के लिए हर साल सैकड़ों आवेदन ऑनलाइन हो रहे हैं। प्रभारी औषधि प्राधिकारी इंदौर से दस्तावेज का सत्यापन कर रिन्युअल कर रहे हैं, जबकि नियम है ऑनलाइन आवेदन के बाद भौतिक सत्यापन जरूरी है।