Saturday, September 27

खनिज खोज ड्रिलिंग के लिए निजी क्षेत्र की विशेषज्ञों की लेंगे मदद

राज्य में खान विभाग की ओर से आवंटित खनन पट्टों का रेवेन्यू विभाग से समन्वय बनाते हुए राजस्व रिकार्ड में शत प्रतिशत अमल दरामद सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि राजस्व व उपनिवेशन विभाग द्वारा भूमि का अन्य प्रयोजन के लिए आवंटन की संभावनाएं ना रहें। बीकानेर संभाग के बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जैसलमेर में खनन संपदा के विपुल भण्डारों को देखते हुए खोज कार्य को गति देने के लिए ड्रिलिंग व खोज कार्य के लिए निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सेवाएं लेने की संभावनाएं तलाशी जाएगी। राजस्थान में विपुल खनिज भण्डार है और विभाग के खोज, खनन व सफल नीलामी कार्य को देखते हुए ही पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है।

ऑन लाइन आवेदन प्रक्रिया 15 अगस्त तक जारी रहेगी
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने कृषि सुधार के लिए बीकानेर, जैसलमेर व चुरु जिले में खनिज जिप्सम के परमिट जारी करने और डीलर्स के पंजीयन व ई-टीपी की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए 16 जून से आरंभ ऑन लाइन आवेदन प्रक्रिया 15 अगस्त तक जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि अब तक प्राप्त 152 आवेदनों को परीक्षण किया जा रहा है, वहीं जिप्सम के ई-ट्रांजिट परमिट के लिए प्राप्त 207 आवेदनों में से 187 को परमिट भी जारी कर दिए गए हैं। बीकानेर में 3 लिग्नाइट ब्लॉकों, नागौर में दो लाइम स्टोन ब्लॉकों के ऑक्शन की तैयारी हैं, वहीं नागौर में 10 लाइम स्टोन ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। नागौर में 3 लाईम स्टोन ब्लॉकों की जियोलोजिकल रिपोर्ट अंतिम चरण में है। बैठक में खनिज सिलिशियस अर्थ को केन्द्र सरकार से प्रधान खनिज से अप्रधान खनिज में अधिसूचित कराने का सुझावा दिया गया। इसी तरह से खनिज लाइम स्टोन एसएमएम ग्रेड के आवंटन प्रक्रिया पर भी पुनर्विचार की आवश्यकता प्रतिपादित की गई। बीकानेर वृत में चार ड्रिलिंग मशीनों में से 3 मशीनों द्वारा नागौर व एक मशीन द्वारा जैसलमेर में ड्रिलिंग कार्य किया जा रहा है।