छिंदवाड़ा। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर अब छिंदवाड़ा शहर में भी संजीवनी क्लीनिक बनेंगे। इसके लिए नगर निगम ने नौ स्थान चिह्नित किए हैं। अधिक भीड़ और आबादी वाले स्थान को प्राथमिकता दी गई है।
उपयंत्री आनंद अग्रवाल ने बताया कि संजीवनी क्लीनिक के लिए परतला, सर्रा, बड़ी माता मंदिर के समीप, खैरीभोपाल, खजरी, ढिमरीढाना, सिवनी प्राणमोती और गुलाबरा व अन्य स्थान का चयन किया गया है। यहां निगम दो से अधिक कमरों का निर्माण करवाकर भवन स्वास्थ्य विभाग को सौंप देगा। वे ही इसका संचालन करेंगे। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग को शासन की स्वीकृति का इंतजार है।
सात शहरों में पहले से ही हो रहा संचालन
संजीवनी क्लीनिक प्रदेश के अन्य सात शहरों में पहले से ही संचालित हैं। इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सतना आदि शामिल हैं। क्लीनिक का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके घरों के आसपास ही चिकित्सा उपलब्ध कराना है, ताकि महंगी चिकित्सा और जिला अस्पताल पहुचंने की जद्दोजहद से लोग बच सकें। उल्लेखनीय है कि संजीवनी क्लीनिक की चिकित्सा जिला अस्पताल की तरह ही निशुल्क होगी।
निगम के दूरस्थ वार्ड वंचित
निगम गठन के लिए भले ही गांवों को शहर में शामिल कर वार्ड बना दिया गया है, लेकिन आज भी ग्रामीण वार्ड सडक़, बिजली, पानी सहित चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। गुरैया, कुसमेली, सारसवाड़ा, खापाभाट शहर से काफी दूर हैं। सोनपुर पीएम आवास के रहवासियों को तो अब भी मामूली सर्दी जुकाम के इलाज के लिए 10 किमी दूर शहर तक आना पड़ता है। निगम ने जगह चिह्नित करते हुए आबादी का मापदंड तो देखा, लेकिन जरूरत का मापदंड दरकिनार कर दिया।
संजीवनी क्लीनिक के डॉक्टर और स्टाफ समेत संसाधन की मांगी अनुमति
नगर निगम की ओर से शहर में संजीवनी क्लीनिक का प्रस्ताव पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ समेत अन्य संसाधन की अनुमति राज्य शासन से मांगी है। शहरी स्वास्थ्य परियोजना देख रहे नोडल अधिकारी डॉ. राहुल श्रीवास्तव का कहना है कि संजीवनी क्लीनिक के लिए डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, दवाइयां, उपकरण और संचालन बजट की आवश्यकता होगी। इसके लिए राज्य शासन की स्वीकृति जरूरी है। नगर निगम का पत्र आने पर उसे स्वास्थ्य विभाग को पहुंचाया गया है। शासन की स्वीकृति मिलने पर ही क्लीनिक खोले जाएंगे।
बढ़ाई जा सकती है संख्या
आबादी के अनुसार जगह का चिह्नांकन कर लिया गया है। अन्य मोहल्लों में मांग की गई तो इन्हें बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल नौ स्थानों पर संजीवनी क्लीनिक बनेंगे।
हिमांशु सिंह, आयुक्त नगर निगम