देश में बढ़ती महंगाई ने आम जनता का हाल बेहाल कर रखा है। खुदरा महंगाई अपने 8 साल के उच्च स्तर पर है तो रिटेल महंगाई भी सभी रिकॉर्ड तोड़ रही है। महंगाई को काबू करने के लिए मोदी सरकार भरपूर प्रयास कर रही है लेकीन अब उसकी इस लड़ाई में टमाटर बड़ा रोड़ा बन गया है। नींबू-प्याज के बाद अब टमाटर के दाम सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है। टमाटर के बढ़ते दाम का राजनीतिक असर बीजेपी पर पड़ सकता है जिसका सीधा असर इस साल गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकते हैं। पीएम मोदी के 2018 के चुनावी अभियान के दौरान, उन्होंने किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए ‘TOP’ का उल्लेख किया था जिसका अर्थ है “टमाटर, प्याज और आलू।” अब यही दांव उल्टा पड़ सकता है।
अब टमाटर की कीमतों में एक महीने के अंदर में काफी अधिक बदलाव आया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, शिलॉन्ग, पोर्ट ब्लेयर, कई शहरों में तो टमाटर के दाम 100 के पार चले गए हैं। टमाटर के प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के भी कई शहरों में खुदरा भाव 50-100 रुपये किलो के बीच चल रहे हैं।
एक महीने में बढ़े टमाटर के दामों पर एक नजर डालें तो पाएंगे कि 1 मई को इसकी औसत खुदरा कीमत 29.5 रुपये थी। ये 1 जून को बढ़कर 52.30 रुपये पर पहुंच गई है। यानि कि बीते एक महीने में तमत के औसत दामों में 77 फीसदी की बढ़ोतरी आई है।
यही नहीं, बढ़ती गर्मी के कारण उत्पादन में गिरावट आने से कुछ इलाकों में आम की कीमतें भी उछाल देखने को मिली है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मशहूर हिमसागर किस्म की कीमतें पिछले साल 50 रुपये से दोगुनी हो गई हैं। पश्चिम बंगाल वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल डे के अनुसार, बीते हफ्तों में गर्मी की लहरों के कारण, राज्य में आम का उत्पादन लगभग 40% गिर गया है। भारत में खाना पकाने के तेल से लेकर गेहूं के आटे तक हर चीज की कीमतें बढ़ गई हैं, जिससे अप्रैल में मुद्रास्फीति 8 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है और घरेलू बजट निचोड़ रहा है।
गौरतलब है कि भारत ने मार्च और अप्रैल में रिकॉर्ड गर्मी की लहर झेली, कुछ जगहों पर तापमान लगभग 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
इससे पहले नींबू और प्याज के दामों में उछाल देखने को मिला था जो काफी चर्चा में रहा था। सरकार ने अब टमाटर के साथ ही महंगे होते प्रोडक्टस के दामों पर काबू नहीं पाया तो आगामी विधानसभा चुनावों में ये मोदी सरकार के लिए नई मुसीबतों को जन्म दे सकता है।
गौरतलब है कि प्याज समेत सब्जियों के दामों में उछाल का असर ऐसा होता है कि सत्ता तक पलट जाती है। बीजेपी ने भी वर्ष 2014 के आम चुनावों में महंगाई को बड़ा मुद्दा बनाया था। अब यही मुद्दा मोदी सरकार को बड़ा झटका दे सकता है।