Sunday, November 9

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दिखाए आंकड़े, ओबीसी को पिछली बार से अधिक आरक्षण का किया दावा

भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर दोनों प्रमुख दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आंकड़े दिखाते हुए राज्य सरकार पर ओबीसी वर्ग को धोखा देने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि ओबीसी वर्ग को महज 9 से 13 प्रतिशत आरक्षण ही मिला है। उनपर पलटवार करते हुए अब राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह आगे आए हैं. उन्होंने आंकड़े गिनाते हुए दावा किया कि ओबीसी को पिछली बार की तुलना में इस बार ज्यादा आरक्षण मिला है।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अशोकनगर, आगर-मालवा, शाजापुर, टीकमगढ़, छतरपुर जिलों में 25 प्रतिशत, जनपद सदस्यों के लिए मुरैना में 26 प्रतिशत, भिंड में 25 प्रतिशत, इन दोनों जिलों में सरपंच पद के लिए 27 प्रतिशत, मंदसौर एवं राजगढ़ जिलों में ओबीसी के लिए 26 प्रतिशत पद आरक्षित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि भोपाल में जनपद पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण हुआ. निवाड़ी में भी यही स्थिति है. मंत्री ने बताया कि पिछली आरक्षण प्रक्रिया में 16 नगर निगम में ओबीसी के 221 पार्षद पद आरक्षित हुए थे। इस बार ओबीसी के 234 पार्षद पद आरक्षित हुए हैं। बुरहानपुर, ग्वालियर, रतलाम और खंडवा नगर निगम में पार्षद के लिए 35 प्रतिशत तक पद आरक्षित हुए हैं।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हम इस वर्ग को करीब 27 प्रतिशत आरक्षण देने में सफल रहे- उन्होंने दावा किया कि निगम, नगर पालिकाओं व नगर परिषदों में वार्डवार आरक्षित पदों की स्थिति देखने से पता चलता है कि वहां ओबीसी आरक्षण 25 से 30 प्रतिशत तक रहा है। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हम इस वर्ग को करीब 27 प्रतिशत आरक्षण देने में सफल रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर-2021 की तुलना में आरक्षण में बढ़ोतरी हुई है. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि नगर निगम भोपाल में आरक्षित वार्डों की संख्या 21 से बढ़कर 23 वार्ड हो गई है। इस प्रकार आरक्षण में 27.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।