नागपुर। पिछले दो वर्षों में शहर में ब्यूटी पार्लरों पर जो छापेमारियां हुई हैं, उनमें चौंकानेवाले तथ्य सामने आए हैं। यहां देह व्यापार का बड़ा गिरोह काम कर रहा है। पुलिस छापामारी तो करती है, लेकिन व्यापार पर अंकुश नहीं लग पाता। जिन स्थानों पर छापामारी हुई, वहां फिर से वही व्यापार होने लगा। विभिन्न थाना क्षेत्रों में भी कार्रवाई हुई परंतु पुलिस पर ही आरोप लगते रहे कि सब कुछ दिखावा है। हर कोई इसे गंदा धंधा कहता है, लेकिन रोकने के लिए वह प्रयास नहीं हो रहा है, जो होना चाहिए। कहीं पुलिस की लिप्ता तो कहीं नेता कहलानेवाले लोगों की भागीदारी, नामचीन चेहरे धंधे में शामिल नजर आते हैं। इस व्यवसाय में ग्राहकों से सीधे संपर्क रखने व युवतियां उपलब्ध करानेवाली महिलाओं को पिकअप वैन कहा जाता है। झांसी रानी चौक, मुंजे चौक, वीसीए मैदान, गांधीबाग के अलावा अन्य कुछ स्थानों पर पिकअप वैन की चहलकदमी रहती है। मोबाइल फोन सेवा का फायदा उठाते हुए सौदेबाजी घर बैठे भी होने लगी है। पुलिस सूत्र के अनुसार, देह व्यापार का नेटवर्क इतना व्यापक है कि युवतियों व अड्डा संचालकों के स्थान फौरन बदल जाते हैं। अड्डा संचालक के पास नियमित ग्राहकों के फोन नंबर रहते हैं। मांग के आधार पर वे अलग-अलग स्थानों पर युवतियों को भेजते हैं। इन अड्डों से जुड़े लोगों के संबंध किसी न किसी रूप में पुलिस से पाया गया है। कहीं पुलिस को सेवा मिलती है, तो कहीं मुखबिरी का लाभ मिलता है। सदर थाना क्षेत्र में की गई कार्रवाई के दौरान पकड़ी गई महिला ने पत्र परिषद में आरोप लगाए थे कि पुलिस को भी अडï्डों से आर्थिक लाभ मिलता है। कुछ महिला संगठनों व राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से भी अड्डे चलते हैं। पिछले दिनों अजनी थाना क्षेत्र में कांग्रेस सेवादल के एक पदाधिकारी ने आत्महत्या की। सुसाइड नोट में गंभीर व्यथा लिखी थी। पत्र का आशय यह था कि देह व्यापार के अड्डे के विरोध में बोलनेवालों को पुलिस भी परेशान करती है। इज्जत की परवाह नहीं की जाती। इज्जतदारों को या तो जुबान बंद रखनी पड़ती है या फिर क्षेत्र छोडऩा पड़ता है। कहीं कहीं धार्मिक आस्था का भी नाजायज लाभ उठाया जाता है। मानकापुर में एक अपार्टमेंट में ऐसे अड्डे का खुलासा हुआ था, जहां भूत भगाने के नाम पर महिलाओं व पुरूषों का आना-जाना लगा रहता था। हुडकेश्वर क्षेत्र में एक बाबा को देह व्यापार के मामले में पकड़ा जा चुका है। उसके अधीन एक महिला को उसका पति खो चुका है। पुलिस से याचना के बाद भी उस व्यक्ति को मदद नहीं मिल रही है। शहर में ऐसे बाबा सक्रिय हैं जो भोलीभाली महिलाओं को आर्थिक लाभ देकर अपने अधीन कर लेते हैं। महिला बाबा का गुणगान करके परिवार का विरोध तक करने लगती है। ऐसे अड्डों के विरोध में बोलने पर आस्था का सवाल सामने लाकर बोलने वाले को चुप रहने पर मजबूर कर दिया जाता है। चोरी छुपे चल रहे संगीतमय बीयर बारों के बारे में पता चला है कि यहां गाने वाली बालाओं को 1000 रूपये रोजाना मानधन मिलता है। यह मानधन उनके लिहाज से काफी कम है, लेकिन वे इस मानधन से भी खुश हरती हैं। सूत्र बताते हैं कि बालाओं का पूरा ध्यान अगले दिन पर लगा रहता है। वेटर के माध्यम से लिए गए ग्राहकों के मोबाइल नंबर में से कुछ नंबरों पर दोपहर से कालिंग शुरू हो जाती है। कथित वजनदार ग्राहक के लिए शहर में अन्य स्थानों पर इन बालाओं द्वारा विशेष सेवाएं उपलब्ध करा दी जाती हैं। बताया जाता है कि देर रात रहने वाली बालाओं की दूसरे दिन की शुरूआत दोपहर दो बजे से हाती है। वे ग्राहक विशेष को फोन कर बार में आने का आमंत्रण देती हैं। सूत्र बताते हैं कि बालाओं के बैंड सिस्टम में आधा दर्जन तक युवतियां शामिल रहती हैं। बार को ये केवल ग्राहक बुकिंग का केंद्र मानती हैं। इनके अधीनस्थ काम करने वाली युवतियां पिक अप वैन के नाम से जानी जाती हैं। पिक अप वैन के तौर पर बेंगलुरू, कोलकाता, दिल्ली, मुंबई की युवतियां यहां लायी जाती है। ये तय अनुबंध के अनुसार काम करती हैं। क्रिकेट सट्टा, प्रापर्टी व्यवसाय व लकड़ा व्यवसाय से जुड़े कुछ ग्राहकों से रूपए ऐंठे जाने के कई रोचक किस्से सुनने को मिले हैं। अमरावती मार्ग के एक बार के बारे में जो जानकारियां मिली, वे और भी चौंकाने वाली हैं। सूत्र बताते हैं कि बार से संलग्र क्लब में मालदार ग्राहकों की मांग पर मादक पदार्थ भी उपलब्ध कराये जाते हैं मादक पदार्थों में विदेशी ब्रांड की एक सिगरेट काफी पंसद की जा रही है। उस पदार्थ को परोसने की जिम्मेदारी भी युवतियां ही संभालती हैं। यहीं पर बार में स्पेशल शो के दौरान लेडी बार का नजारा भी दिखता है। सूत्र बताते हैं कि रूपयों के लालच में कुछ गायिकाएं गायन कला को खोने लगी हैं। भजन व अन्य सांस्कृतिक आयोजनों में चर्चित रहीं कुछ गायिकाएं भी यहां नजर आती हैं। गांधीबाग के व्यापारी राज व लकडगंज के शकील के किस्सों ने सबको चौंका दिया है। बताया जाता है कि इन रसूखदारों ने बाला के मोह में लाखों रूपये उड़ाये। बालाओं को फ्रिज से लेकर फ्लैट तक दिए। देह व्यवसाय तेजी से फल फूल रहा है। पुलिस ने जो खुलासे किए, उससे यही बात सामने आई कि इस व्यवसाय में सम्मपन परिवार के सदस्य भी उतर गए हैं। नागपुर में भी व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है। इस पर अंकुश लगाने का काम जिन पर है, वे खुद ही इस मंडी के हिस्सेदार बने रहे हैं। खादी व खाकी भी अछूते नहीं। सदर में जिस महिला को पकड़ा गया था, उसका पति शहर पुलिस में सिपाही है। सक्करदरा के सिपाही भी इसी आरोप में निलंबित हुए थे। उत्तर नागपुर के त्तकालीन पार्षद की पत्नी मनीषनगर में अड्डा चलाते हुए पकड़ी गई थीं। दक्षिण नागपुर के एक राजनीतिक कार्यकर्ता की पत्नी भी पकड़ी गईं थी। देह व्यवसाय पर कार्रवाई करने का जिम्मा पुलिस पर है, लेकिन पुलिस सिपाही की महबूबा ही इसमें पकड़ी गई। हाल ही में पुणे की एक होटल में नागपुर की एक मॉडल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पहली बार नागपुर की मॉडल पर देह की मंड से संबंध होने का आरोप लगा था। नागपुर के एक उद्योगपति की बहु को भी पुलिस ने कई बार देह व्यवसाय के आरोप में पकड़ा। उस पर नागपुर से लेकर मुंबई तक लड़कियां पहुचाने का भी आरोप है।