नईदिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने 32 घंटे लंबे धरने का बचाव करते हुए कहा कि संविधान मुख्यमंत्री को आंदोलन करने से नहीं रोकता है। छत्रसाल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केजरीवाल ने कहा, केंद्र सरकार मेरे प्रदर्शन को संविधान के खिलाफ बता रही है, लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें कहा गया हो कि मुख्यमंत्री धरने पर नहीं बैठ सकता। केजरीवाल ने कहा कि पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए धरना दिया, लेकिन केंद्र सरकार ने निषेधाज्ञा लगाकर सिद्ध कर दिया कि वे इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा, यदि महिलाओं की सुरक्षा के लिए फिर आंदोलन करना पड़े तो मैं नहीं हिचकूंगा। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी में कई जगहों पर आम आदमी पार्टी और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। धरना विरोधी खबरों पर केजरीवाल ने कहा, संविधान में कहीं नहीं लिखा कि मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री धरना नहीं दे सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया को आप के खिलाफ ऐसी नाकारात्मक खबर के लिए भुगतान किया जा रहा है। फरवरी में जनलोकपाल बिलमुख्यमंत्री केजरीवाल ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर एलान किया कि फरवरी में जनलोकपाल विधेयक विधानसभा का विशेष सत्र रामलीला मैदान पर बुलाकर पास किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि हमारा मकसद लोगों को जेल भेजने का नहीं है। हम चाहते हैं कि लोगों के अंदर डर पैदा हो कि अब अगर वो भ्रष्टाचार करेंगे तो उनको जेल होगी। उन्होंने कहा, कानून बनाने के लिए अगले 15 दिन के अंदर इस कानून का ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा।