डेरिल का परिवार दो दिन पहले ही मंबई के एयरफोर्स क्वार्टर में शिफ्ट हुआ है। डेरिल की शहादत का सम्मान करते हुए एयरफोर्स ने उनके परिवार को यहां रहने की इजाजत दी है। डेरिल नहीं है लेकिन पत्नी ज्योति के लिए उनकी बनाई दुनिया ज्यों की त्यों है। वो उसमें कुछ बदलना नहीं चाहती है। क्योंकि पापा की तरह यूनिफॉर्म पहनने वाले बहुत सारे अंकल्स रहते हैं यहां। छह माह में कई बार वह बैरकपुर वापस जाने की जिद कर चुकी थी। वहां डैरिल की आखिरी पोस्टिंग थी। बेटा ईथन 9 साल का है। वह ट्यूशन पर मैथ्स टीचर से बहस करता है कि आप ठीक से कैल्कुलेट नहीं करते। पापा मैथ्स के क्वेश्चन ऐसे नहीं सिखाते थे। ज्योति ने खुद से वादा किया है। बच्चों को उनके पिता की कमी महसूस नहीं होने देंगी। इसलिए बच्चों को वीकेेंड पर शॉपिंग मॉल, एम्यूमेंट पार्क या डिनर कराने जरूर ले जाती हैं।
मेजर संदीप उन्नीकृष्णन पिछले हफ्ते मेजर के माता पिता मुंबई में ही थे। आर्मी डे पर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम के बाद दो दिन वह मुंबई में रहे। रोज ताज होटल जरूर गए। वे इशारा कर ताज के उस हिस्से को बताते हैं जहां संदीप ने आतंकियों से आखिरी सांस तक मुकाबला किया। संदीप की मां धनलक्ष्मी याद करती हैं कि जब मैं युद्ध का कोई जिक्र करती, वह कहता मेरी जान पर खतरा आया तो मैं पहले अपने जवानों को बचाऊंगा। उसने मुंबई हमले के दौरान भी ऐसा ही किया। संदीप ने जिस आखिरी होस्टेज को बचाया, वह उनके माता-पिता से आज भी मिलने आता है। पिता के उन्नीकृष्णन कहते हैं कि आज जो लोग हमसे मिलते हैं उनमें कुछ तो हमसे ज्यादा संदीप के बारे में जानते हैं। हर दिन उसकी नई कहानी पता चलती है। रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर जीडी बक्शी ने तो उस पर एक कॉमिक्स ही बना दी है।
कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वां भाई और हूबाहू उन्हीं की तरह दिखने वाले विशाल यह बताने में जरा भी परहेज नहीं करते हैं कि दो बार प्रयास के बावजूद वे उन दो चोटियों में से एक पर भी चढ़ नहीं पाए हैं। जिन्हें उनके भाई ने दुश्मनों को मारकर, कब्जे से छुड़वाया था। वह उन चोटियों को एक बार छूकर देखना चाहते हैं। पेशे से बैंकर विशाल अपने चेहरे में विक्रम को ढूंढते हैं। कहते हैं मुझसे थोड़ा मोटा था वह। पक्का कमांडो। बेंगलुरू से एक छात्र सोशल नेटवर्किंग पर विशाल से सवाल करता है विक्रम कितने घंटे पढ़ाई करते थे? कलर कौन सा पसंद था? और न जाने क्या-क्या बोलने लगा बड़ा होकर विक्रम बत्रा बनना है। अमेरिका से विक्रम के पापा को फोन आता है। उनसे पूछा जाता है कि मेरे घर बेटे का जनम हुआ है क्या हम उसका नाम विक्रम बत्रा रख सकते हैं? लड़कियां विक्रम की फोटो कोलाज बनाकर उन्हें भेजती हैं।