अमृत सिटी योजना 2.0 से नगरीय निकाय क्षेत्र में जल संकट को दूर किया जाएगा। इस योजना के तहत पानी की 5 नई टंकियां बनाने की तैयारी चल रही है। नई टंकियां किस क्षेत्र में बनाई जाएंगी। इन टंकियों को भरने के लिए पानी कहां से लाया जाएगा। इसके लिए सर्वे शुरू किया जा रहा है। जरूरत के मुताबिक वैसे ये टंकियां नगरपालिका क्षेत्र के नए वार्डों में बनाई जाएंगी जहां पहले से डिस्ट्रीब्यूशन लाइन के जरिए पानी नहीं पहुंच रहा है।
इनमें शहर के सबसे बड़े वार्ड टीलाखेड़ी, बैसनगर, मिर्जापुर, अहमदपुर रोड, बंटीनगर, मुखर्जीनगर और पूरनपुरा क्षेत्र शामिल हैं। 5 नई टंकियां बनाने से नपा के वाटर वर्क्स फिल्टर प्लांट में भी पानी का लोड बढ़ जाएगा। यहां से अब रोजाना शहर में 21 के बजाय 27 एमएलडी तक पानी की सप्लाई की जाएगी। अभी शहर में 2 करोड़ 10 लाख लीटर पानी की सप्लाई होती है। नई टंकियां चालू होने के बाद 2 करोड़ 70 लाख लीटर पानी की आपूर्ति करनी पड़ेगी। यानी 60 लाख लीटर तक पानी की जरूरत बढ़ जाएगी।
10 लाख लीटर क्षमता की 5 नई टंकियां बनाने में 5 करोड़ से अधिक का बजट खर्च होगा। 50 किमी लंबी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन और 6 किमी लंबी राइजिंग लाइन बिछाने का खर्च अलग से जोड़ा जाएगा। अभी शहर में 11 टंकियां पहले से बनी हुई है। उन्हीं से पानी की सप्लाई हो रही है।
27 एमएलडी पानी सप्लाई होने पर 30 दिन में खत्म हो जाएगा रिजर्व स्टाक
2011 की जनगणना के मुताबिक शहर की आबादी 1.65 लाख थी। अब 10 साल बाद शहर की आबादी 2 लाख से अधिक पहुंच गई है। अभी शहर में 21 एमएलडी यानी 2 करोड़ 10 लाख लीटर पानी सप्लाई होता है। 5 नई टंकियां बन जाने के बाद 27 एमएलडी यानी 2 करोड़ 70 लाख लीटर पानी की सप्लाई करनी पड़ेगी।
अभी हलाली डेम से आने वाला 20 एमसीएफटी पानी 45 दिन तक शहर में सप्लाई होता है लेकिन जब यह सप्लाई 21 से बढ़कर 27 एमएलडी तक हो जाएगी तो कालिदास बांध का रिजर्व स्टाक महज 30 दिन में ही खत्म हो जाएगा।
बेतवा अप स्ट्रीम में नहीं रुकता बारिश का पानी
विदिशा में बेतवा अप स्ट्रीम में बहती है। इस कारण उसमें बारिश का पानी नहीं रुकता है। बारिश बंद होते ही बेतवा की धार टूट जाती है। इस कारण नपा को बेतवा में बने कालिदास बांध में पानी भरने के लिए हर 45 दिन बाद हलाली डेम से पानी खरीदकर मंगाना पड़ता है।
56 किमी लाइन बढ़ाने की तैयारी
शहर में अभी 276 किमी लंबी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन का जाल बिछा हुआ है। 15 किमी लंबी राइजिंग लाइन बिछाई गई है। 5 नई टंकियां बनने के बाद शहर में करीब 50 किमी लंबी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन और 6 किमी लंबी राइजिंग लाइन बढ़ जाएगी।
कालिदास बांध में केवल 20 एमसीएफटी पानी भरने की क्षमता
ये हो सकता है समस्या का समाधान
1-बैस नदी का पानी बेतवा में लाने के लिए जल संसाधन विभाग की 4.50 करोड़ रुपए की लागत वाली उस योजना को फिर से लागू किया जाए जिसमें पाइप लाइन के जरिए पानी को लिफ्ट किया जाना था। 2-बेतवा नदी के अपस्ट्रीम में यानी सांची तरफ रायसेन जिले की ओर मकोड़िया बांध को मंजूरी दी जाए जिससे बेतवा के डाउन स्ट्रीम में यानी विदिशा तरफ सिंचाई और पेयजल के लिए भरपूर पानी मिल सके। 3-हलाली डेम से बेतवा के कालिदास बांध में जो पानी मंगाया जा रहा है, उसकी बर्बादी रोकी जाए। आधे से अधिक पानी कच्ची नहर में ही बेकार बह जाता है और किसान मोटर लगाकर खींच लेते हैं। हलाली से विदिशा तक नई पाइप लाइन बिछाई जाए।
पूरे शहर में पानी पहुंचाने की है तैयारी
“शहर के नए वार्डों में जहां पानी की दिक्कत है, वहां पानी की टंकियां बनाई जाएंगी। इसके लिए सर्वे और एनालिसिस किया जा रहा है। जल्द ही पूरा प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजा जाएगा। इस पेयजल योजना को अमृत सिटी योजना के 2.0 के बजट से जोड़ा जाएगा। 5 से 6 नई टंकियां बनाई जाएंगी। नई पाइप लाइन भी बिछाई जाएगी।”
-वायएस भदौरिया, उप यंत्री एवं जल कार्य शाखा प्रभारी