कोरोना काल के चलते पिछले दो वर्षों से भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक लोग अपने घरों में मना रहे थे। इस वर्ष पूरे देश में यह महोत्सव मनाया जा रहा है। इन दिनों शहर में पूज्य आर्यिका मां 105 पूर्णमति माता ससंघ का आगमन हुआ है। यह महोत्सव उन्हीं के मार्गदर्शन में मनाया जा रहा है।
बुधवार को महावीर विहार में कार्यक्रम के प्रारंभ में चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन और भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा का अभिषेक, शांतिधारा नित्य पूजा के बाद भगवान महावीर विधान और आचार्य भगवान की पूजा की गई। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए आर्यिका मां 105 पूर्णमति माता ने बताया कि भगवान की भक्ति से हमें संसार का सुख तो मिलता ही है, साथ ही निश्चित समय पर मोक्ष की प्राप्ति भी सम्भव हो सकती है।
भगवान ने संसार की नश्वरता को देख दीक्षा लेकर कठिन तपस्या करते हुए मोक्ष प्राप्त किया था। भगवान के बताए हुए मार्ग पर चलने से हमें सिद्धालय की प्राप्ति हो सकती है। भगवन, शब्द में पांचों तत्व समाहित होते हैं। मानी जीव पद प्रतिष्ठा को देखता है, और जिसने मान पद प्रतिष्ठा को त्याग दिया।
इस दौरान साधना-राकेश कुमार जैन, नितिशा-नवीन कुमार जैन, मनोज जैन, महेंद्र कुमार, दीपक कुमार, शैलेंद्र बड़कुल और मीना-पुनीत जैन के परिवारों को शांति धारा करने का अवसर मिला।