श्रीलंका में हर दिन गहराते आर्थिक संकट के बीच 19 अप्रैल को संसद का सत्र बुलाया जा सकता है। इसमें राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसको लेकर विपक्ष की रविवार को बैठक हुई। श्रीलंका के संसदीय ग्रुप ने बताया कि वह संसद में एक प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे, जिसमें राष्ट्रपति की शक्तियां छीनने का संशोधन शामिल है।
दूसरी तरफ राष्ट्रपति गोटबाया ने पूर्व प्रधानमंत्री मैत्रीपाला श्रीसेना के नेतृत्व वाली श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के साथ रविवार शाम मीटिंग की। इससे पहले श्रीलंका सरकार के ग्यारह गठबंधन सहयोगियों ने खत लिखकर प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को हटाने और एक नए मंत्रिमंडल के गठन की अपील की।
श्रीलंका संकट के बड़े अपडेट्स…
- भारत अब तक श्रीलंका को 270,000 मीट्रिक टन से अधिक ईंधन की आपूर्ति कर चुका है।
- आर्थिक संकट की वजह से 22 मार्च से अब तक कुल 39 श्रीलंकाई तमिल भारत पहुंच चुके हैं।
- श्रीलंका में जरूरी दवाओं के दाम में सरकार ने 20% की बढ़ोतरी की है।
पूर्व पीएम ने मदद के लिए भारत को कहा शुक्रिया
श्रीलंका के पूर्व प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने मुश्किल वक्त में मदद करने के लिए भारत को शुक्रिया कहा है। उन्होंने कहा भारत ने हमारी बहुत मदद की है। आर्थिक के साथ साथ वो दूसरे तरीके से भी हमारी मदद कर रहे हैं। हमें उनका आभारी होना चाहिए।
तमिल नेशनल अलायंस भी राष्ट्रपति के खिलाफ
श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी, तमिल नेशनल अलायंस (TNA) ने रविवार को कहा कि वह राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में विपक्ष का समर्थन करेगी। इससे पहले श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालवेगया आर्थिक संकट की वजह से गोटाबाया सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है।
जरूरी दवाई और मेडिकल इक्विपमेंट तक नहीं
श्रीलंका में खाने पीने की चीजों के साथ साथ दवाई का संकट भी खड़ा हो गया है। रविवार को चेतावनी देते हुए डॉक्टरों ने कहा कि देश के हालात कोरोना महामारी से भी बदतर हो सकते हैं। श्रीलंका मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि देश भर के हॉस्पिटल में मेडिकल इक्विपमेंट और जरूरी दवाएं तक नहीं हैं।
श्रीलंकाई शरणार्थी भारत पहुंचे
रविवार को 19 श्रीलंकाई शरणार्थी तमिलनाडु तट पर पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, महिलाओं और बच्चों सहित ये सभी श्रीलंका के उत्तरी क्षेत्रों से दो अलग-अलग नावों में रामेश्वरम तट पर पहुंचे। दूसरी तरफ राजधानी कोलंबो में हजारों श्रीलंकाई लोगों रैली निकालकर राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की।