मध्यप्रदेश में गर्मी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। ऐसी गर्मी जिसने लोगों को बेचैन कर दिया है। मौसम विभाग ने जो अलर्ट जारी किया है। उसके अनुसार अगले 2-3 दिन तक सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल मौसम विभाग ने प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में 8 अप्रैल से 2 दिन का सीवियर लू का अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि गुरुवार को भोपाल समेत 19 जिलों में लू चलने के आसार है। वहीं शुक्रवार से ग्वालियर-चंबल, भोपाल, जबलपुर समेत कई इलाकों में सीवियर लू चल सकती है।
- आज यहां लू का अलर्ट: छिंदवाड़ा, गुना, सतना, रीवा, टीकमगढ़, ग्वालियर, दतिया, अशोकनगर, राजगढ़, सागर, दमोह, छतरपुर, खरगोन, खंडवा, धार, शाजापुर, आगर और रतलाम।
- शुक्रवार को यहां सीवियर लू की आशंका: ग्वालियर और चंबल डिवीजन के अलावा सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन, जबलपुर, रीवा और शहडोल।
कितनी खतरनाक होती है सीवियर लू?
सीवियर लू इंसान ही नहीं, जानवरों के लिए भी खतरनाक होती है। इसकी वजह से मानसिक तनाव भी हो सकता है। लू लगने के लक्षणों में गर्मी से शरीर में अकड़न, सूजन, बेहोशी और बुखार आना भी शामिल है। यदि शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक होता है, तो दौरे पड़ सकते हैं या इंसान कोमा में भी जा सकता है।
पचमढ़ी में दिन सबसे ठंडा
पचमढ़ी को छोड़ प्रदेशभर में दिन का पारा 40 को पार कर चुका है। पचमढ़ी में अधिकतम तापमान 36 डिग्री के आसपास बना हुआ है। भोपाल और इंदौर में तापमान 41 डिग्री तक पहुंच गया है। ग्वालियर में यह 41 को भी पार का चुका है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि गुरुवार से तापमान में हल्की बढ़ोतरी होगी, लेकिन शुक्रवार से दिन का पारा ज्यादा चढ़ेगा। कहीं-कहीं पारा 44 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है। दो दिन तक गर्मी इसी तरह सताएगी।
लू से बचाव के तरीके
- हो सके तो दोपहर के समय बाहर नहीं निकलें। अगर बाहर जाना ही पड़े तो सिर और गर्दन को तौलिए या अंगोछे से ढंक लें। अंगोछा इस तरह बांधें कि दोनों कान भी पूरी तरह ढंके रहें।
- खाली पेट बाहर नहीं निकलें। हल्का और जल्द पचने वाला खाना खाएं।
- दिन में बार-बार पानी पीते रहें। पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू नहीं लगती।
- नरम, मुलायम, सूती कपड़े पहनें, ऐसे कपड़े शरीर के पसीने को सोखते रहते हैं।
- मौसमी फल भी लाभदायक रहता है। जैसे- खरबूजा, तरबूज, अंगूर।
- प्याज भी ज्यादा से ज्यादा खाएं। बाहर जाते समय कटे प्याज को जेब में रखकर जाएं।