Sunday, October 19

MP में कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा विधानसभा चुनाव; महंगाई, बेरोजगारी पर सरकार को घेरने की बनी रणनीति

मध्यप्रदेश में कांग्रेस 2023 का विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी। सोमवार को कमलनाथ के आवास पर हुई बैठक में ये अहम फैसला लिया गया है। जिस पर कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं ने अपनी सहमति जताई है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी बताया कि इसी तरह की बैठक महीने में दो बार यानी हर 15 दिन के अंतराल से होगी। उन्होंने बताया कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे बड़े मुद्दों के साथ जमीनी स्तर पर शिवराज सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी। इसके लिए बड़े स्तर पर आंदोलन किए जाएंगे।

पीसीसी चीफ कमलनाथ के बंगले पर हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह, कांतिलाल भूरिया और दिग्विजय सिंह मौजूद रहे। इसके अलावा पूर्व मंत्री तरुण भनोत, प्रियव्रत सिंह, कमलेश्वर पटेल, विजयलक्ष्मी साधौ, लाखन सिंह, जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति और हिना कावरे समेत कई नेता भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में महंगाई, बेरोजगारी, महिला अपराध, किसान और बिजली के बिल समेत कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हुई।

पूर्व मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। प्रदेश पर 4 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है। ऐसे हालात में प्रदेश की जनता पर डीजल, पेट्रोल, गैस, बिजली और हर किस्म की महंगाई लादी जा रही है। शिवराज सरकार का चेहरा पूरी तरह जनविरोधी हो गया है। उन्होंने कहा कि बैठक में फैसला किया गया है कि कांग्रेस पार्टी महंगाई, किसान और बेरोजगारी के मुद्दे पर बड़े पैमाने पर जनता को जागरूक करेगी।

बैठक से पहले कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मैं सभी की अलग-अलग बैठक बुलाता रहता हूं। आज पूर्व मंत्रियों से संवाद है। उनसे सुझाव लूंगा और अपनी बात रखूंगा। कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में युवा कांग्रेस की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने के सवाल पर कमलनाथ का कहना है कि बैठकें तो चलती रहती हैं। कमलनाथ के पास नेता प्रतिपक्ष के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी है। वे नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे या नहीं, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।

बोले- फेसबुक और वॉट्सऐप से बाहर आएं
इससे पहले PCC दफ्तर में हुई बैठक में कमलनाथ ने प्रदेश से युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों से कहा कि वे वॉट्सऐप और फेसबुक की राजनीति से बाहर आएं। फेसबुक और वॉट्सऐप की राजनीति से ऊपर उठे इससे कुछ हासिल नहीं होना। उन्होंने जमीन पर आम लोगों की लड़ाई लड़ने को कहा।