Tuesday, October 21

पंचतत्व सेवा समिति ने चलाया अनूठा अभियान:पक्षियों को दाना-पानी उपलब्ध कराने अभियान शुरू, 250 मिट्टी के सकोरे बांटे

गर्मियों में पक्षियों को दाना पानी उपलब्ध कराने पंचतत्व सेवा समिति ने नेहरू चौक पर सांस्कृतिक आयोजन के साथ निशुल्क मिट्टी के 250 सकोरे वितरित किए और साथ में दाने भी दिए। पंचतत्व सेवा समिति ने नागरिकों में पक्षी चेतना जागृत करने एक हजार मिट्टी के सकोरे तैयार कराए हैं।

साथ ही नव संवत्सर के उपलक्ष्य में गोवंश को पानी उपलब्ध कराने सीमेंट की छह टंकियां नगर के विभिन्न स्थानों पर रखीं। उनको पानी से रोज भरने की जिम्मेदारी भी उन लोगों को सौंपी जिनके द्वारा चिन्हित स्थानों पर उनको रखा गया।

इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह दांगी ने नागरिकों से एक कुंडा पानी और एक मुट्ठी दाना रखने का आह्वान किया। साथ ही गर्मियों के दौरान चलने वाला पक्षी संरक्षण अभियान प्रारंभ किया गया। समिति के सदस्य अब गली मोहल्लों में सकोरे लगाएंगे।

दाना पानी डालने वाले नए मित्रों को तैयार कर उनको जिम्मेदारी सौंपेंगे। साथ ही चिन्हित स्थानों पर हर सप्ताह जाकर देखेंगे। सकोरों में नियमित पानी भरा जा रहा है या नहीं। दाना नियमित डाला जा रहा या नहीं। जिससे अभियान की सफलता को लक्षित किया जा सके।

15 साल से चल रहा है सेवा कार्य
समिति पिछले 15 सालों से पर्यावरण क्षेत्र में लगातार काम कर रही है। इसकी स्थापना स्वर्गीय राजेश तनवानी और वर्तमान अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह दांगी ने अपने मित्रों के साथ की थी। उस दौरान 2008 में तहसील प्रांगण में 5 पौधे लगाकर की गई थी।

2009 में वाटर मेन राजेंद्र सिंह के साथ जल पर मंच कार्यक्रम किया। 2011 में समिति के राजेश तनवानी की स्मृति में राजीव गांधी अस्पताल के प्रांगण में 43 पौधे लगाए जो आज बड़े बड़े वृक्ष बन चुके हैं। समिति अब तक सड़क, मैदान, सार्वजनिक स्थान स्कूल कालेज व खेतों में 50 हजार के करीब निशुल्क पौधे लगा चुकी है। 15 हजार सकोरे वितरण कर चुकी है। छह क्विंटल दाने दे चुकी।

को हरा-भरा रखने के लिए पौधरोपण भी करते हैं

समिति द्वारा वर्ष भर में तीन मुख्य कार्य किए जाते हैं। अप्रैल महीने में गुड़ी पड़वा पर पक्षियों को दाना पानी और पशुओं के लिए जगह जगह टंकियां रखती है। अगस्त महीने में हरियाली अमावस्या पर पौधों का निशुल्क वितरण और पौधारोपण का कार्य करती है।

अक्टूबर महीने में गणेश चतुर्थी पर इको फ्रेंडली मिट्टी से बने गणेश का भी निशुल्क वितरण कार्य करती है। साल भर पौधा रोपण करती है। पिछले 4 सालों से समिति नंदूपूरा के 9 बीघा खेत में पौधा रोपण करती रही। इसमें आज तक लगभग 4500 पौधे पेड़ बन चुके हैं।

कोरोना काल में भी चला अभियान, मदद की

कोरोना में यह अभियान बंद नहीं किए गए। सदस्यों ने जगह जगह कालोनियों में सकोरे पेड़ पर लटकाए, पौधे लगाए। पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलीथिन उपयोग के खिलाफ अभियान चलाकर नागरिकों को कपड़े वितरण किए। सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के लिए समिति धार्मिक, सार्वजनिक और विवाह कार्यक्रम में बर्तन उपलब्ध कराती है। इसी से प्रेरित होकर संत राजेंद्र दास महाराज ने 10 हजार रुपए और नौलखी के महंत राम मनोहर दास महाराज ने पांच हजार रुपए सहायतार्थ दिए।

महिलाओं के माध्यम से अभियान शुरू

समिति सचिव प्रमोद सिंह राजपूत ने बताया कि इस बार महिलाओं को अतिथि बनाकर अभियान प्रारंभ किया क्योंकि महिलाएं एक बार संकल्प ले लें उस दायित्व को जिम्मेदारी के साथ पूरा करती हैं। इससे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक लीना जैन, अध्यक्षता शशि यादव ने की जबकि विशेष अतिथि के रूप में पक्षी संरक्षण समिति की अध्यक्ष शालिनी यादव, रीता भावसार, अंजली यादव, नित्या वर्मा, अनिता जैन, नंदा तनवानी, संध्या भंडारी, सोनाली शेवड़े, विभाषा राजपूत थीं।

यह है अगला कार्यक्रम
भगवान को चढ़ाएं जाने वाले फूल और मालाएं नदी में विसर्जित न हो इसके लिए समिति मंदिरों से फूल माला एकत्रित कर उसकी सम्मानजनक विधि पूर्वक खाद तैयार करेगी। इसका उपयोग पौधा लगाने और मंदिरों में बगीचा लगाने में करेगी। इससे माल्या सामग्री विसर्जित हो जाए। उसका पुनः उपयोग भी किया जा सके।