देश की ताकत बढ़ाने म्युशियन इंडिया लिमिटेड की इकाई आयुध निर्माणी खमरिया ने 500 किलो के GP बम (General Purpose Bomb) बनाए हैं। ये बम इतने विध्वंसक हैं कि आसमान से गिरने के बाद बड़े से बड़े बंकर को तबाह कर सकते हैं। एक बम पाकिस्तान के किसी भी एयरपोर्ट को पलभर में उड़ा सकता है। इन बमों की मारक क्षमता और ताकत देश की सुरक्षा बेड़े को और मजबूती प्रदान करेगी। ओएफके पहुंची एयरफोर्स की टीम शुक्रवार को इन 48 बमों के साथ डिपो के लिए रवाना हो गई।
आयुध निर्माणी खमरिया के लिए यह इस मायने में भी खास है कि इस बम का पूरा डिजाइन और निर्माण फैक्ट्री में ही हुआ है। आयुध निर्माणी के जनरल मैनेजर एसके सिन्हा के मुताबिक, 500 किलो GP बम का उत्पादन एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इससे वायु सेना की ताकत और बढ़ेगी।
देश का सबसे बड़ा बम
फैक्ट्री सूत्रों के मुताबिक, यह भारत का सबसे बड़ा बम है। इसकी लंबाई 1.9 मीटर और वजन 500 किलोग्राम है। इस बम को जगुआर और सुखोई SU-30 MKI से गिराया जा सकता है। इस बम का निर्माण जबलपुर की आयुध निर्माणी फैक्ट्री के एफ-6 सेक्शन में किया गया है।
GP बम के बारे में जानें
GP बम एक सामान्य-उद्देश्य वाला बम है। इसे बमवर्षक विमान में अपलोड किया जाता है। इसका उद्देश्य विस्फोट करना, क्षति पहुंचाना और विस्फोटक प्रभाव में विखंडन के बीच समझौता करना है। ये दुश्मन सैनिकों, वाहनों और इमारतों के खिलाफ प्रभावी होने के लिए डिजाइन किए गए हैं। सामान्य-उद्देश्य (GP) बम विस्फोटक आमतौर पर टीएनटी, कंपोजिशन बी या ट्राइटोनल के साथ एक मोटी दीवार वाली धातु के आवरण का उपयोग करते हैं, जो बम के कुल वजन का लगभग 30% से 40% होता है।
48 बमों की पहली खेप रवाना
महाप्रबंधक ने हरी झंडी दिखाकर पहली खेप के 48 बमों को रवाना किया। उन्होंने कहा कि आयुध निर्माणी खमरिया के कर्मचारियों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। बम के उत्पादन में सहयोगी सभी कर्मचारियों सहित संबंधित अधिकारियों के लिए यह गौरव का पल है। इस मौके पर डीजीएक्यूए के कमांडिंग ऑफिसर आरआर पंत, अपर महाप्रबंधक अशोक कुमार, शैलेश वगरवाल, विकास पुरवार, संयुक्त महाप्रबंधक वाईके सिंह, उप महाप्रबंधक दिनेश कुमार सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
- जानकारों का कहना है कि इस GP बम के एक इस्तेमाल से पूरे एयरपोर्ट को उड़ाया जा सकता है।
- इसके इस्तेमाल से रेलवे ट्रैक और बड़े पुलों को भी तोड़ा जा सकता है।
- इस बम में इस्तेमाल होने वाली तकनीक की वजह से यह बंकरों में भी विस्फोट कर सकता है।
10,300 स्टील बुलेट का बम
- एक बम में 15 मिमी. के 10,300 गोले स्टील के रहेंगे।
- विस्फोट के बाद हर गोला 50 मीटर तक टारगेट करेगा। एक गोला 12 एमएम स्टील प्लेट को भेद सकेगा।
- 500 किलो ग्राम वजनी बम की लंबाई 1.9 मीटर है।
- इसे जगुआर और सुखोई-30 पर अपलोड किया जा सकता है।
डीआरडीओ ने तकनीक की है विकसित
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इस बम को कई हिस्सों में विकसित किया है। हर बम में 15-15 मिमी के 10,300 स्टील के गोले लगे हैं। विस्फोट के बाद, प्रत्येक शेल 50 मीटर तक लक्ष्यभेदन करेगा। खास बात यह है कि स्टील के गोले 12 मिमी की स्टील प्लेट में भी घुस सकते हैं। इससे भारत के रणनीतिक ताकत में बेतहाशा वृद्धि होगी। GP बम रणनीतिक दृष्टि से भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। GP बम भारतीय सेना को ना सिर्फ रण विजय कराएगा बल्कि यह भारतीय सेना को सुरक्षा सामर्थ्य भी प्रदान करेगा।