Sunday, November 9

राज्यसभा में BJP की सेंचुरी:BJP ने 42 साल बाद मोदी-शाह की अगुआई में बनाया नया रिकॉर्ड; 8 साल में 46 सांसद जोड़े

मोदी-शाह राज में राज्यसभा में पहली बार ‌BJP ने सेंचुरी मारी है। उच्च सदन में BJP ने रिकॉर्ड कायम करते हुए अपने सांसदों की संख्या 101 कर ली है। 2014 के बाद ज्यादा तेजी आई और इस दौरान पार्टी ने 46 सांसद जोड़े। गौरतलब है कि 6 अप्रैल 1980 को BJP की नींव रखी गई थी। पार्टी ने 42 साल का सफर तय करते हुए राज्यसभा में ये उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले कांग्रेस ने ये जादुई आंकड़ा 1988 में टच किया था और महज दो साल इस शिखर पर रही थी।

शुरुआत में राज्यसभा में BJP के 5 सांसद थे। इनमें जगन्नाथ राव जोशी दिल्ली से, राम लखन प्रसाद गुप्ता बिहार से, मोहिंदर कौर हिमाचल प्रदेश से, राजस्थान से हरि शंकर भाभड़ा और जगदीश प्रसाद माथुर UP से शामिल थे।

इसके कुछ महीने बाद मध्य प्रदेश से जेके जैन, बिहार से अश्वनी कुमार, मध्य प्रदेश से प्यारे लाल खंडेलवाल और राजस्थान से जसवंत सिंह की राज्यसभा में एंट्री हुई थी।

1982 में BJP के संस्थापक सदस्य अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी मध्य प्रदेश से राज्यसभा पहुंचे थे। ऐसे में BJP के अस्तित्व में आने दो साल के भीतर ही 1982 में राज्यसभा में BJP सांसदों की संख्या 10 हो गई थी।

1984 में मध्य प्रदेश से विजय राजे सिंधिया, बिहार से कैलाश पति मिश्र और गुजरात से शंकर सिंह वघेला BJP से निर्वाचित होकर राज्यसभा पहुंचे थे।

कभी लोकसभा से ज्यादा राज्यसभा में थे BJP सांसद

1984 लोकसभा चुनाव में BJP के केवल दो सांसद जीते थे। उस समय BJP के पास लोकसभा से ज्यादा सांसदों की संख्या राज्यसभा में थी। 1989 लोकसभा चुनाव के बाद BJP का उत्तर भारत में जैसे- जैसे प्रभाव बढ़ता गया, उसी क्रम में राज्यसभा में सांसदों की भी संख्या बढ़ने लगी।

मोदी-शाह की जोड़ी ने तेज की बैटिंग

2014 में मोदी युग शुरू होने के बाद से राज्यसभा में BJP सांसदों के बढ़ने की रफ्तार और तेज हो गई। तब पार्टी के पास 55 सांसद थे। आठ साल में पार्टी ने 46 सांसद जोड़े।

31 मार्च 2022 तक अलग-अलग राज्यों की 13 सीटों के लिए हुए चुनाव में BJP की 4 सीटें बढ़ीं।

असम में BJP की सहयोगी UPPL के कैंडिडेट रवंगरा नारजारी ने जीत हासिल की। इस तरह BJP गठबंधन को कुल 5 सीटों का फायदा हुआ। वहीं 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए। त्रिपुरा में BJP के प्रदेश अध्यक्ष माणिक साहा राज्यसभा सांसद बने।

BJP ने नॉर्थईस्ट के तीन राज्यों असम, त्रिपुरा और नगालैंड की चारों सीटें जीतीं। पांचवीं सीट पर हिमाचल प्रदेश से BJP के डॉ. सिकंदर कुमार जीते। नगालैंड में BJP की एस फांगनोन कोन्याक राज्यसभा सांसद चुनी गई हैं। असम से BJP के पबित्रा मार्गेरिटा ने जीत हासित की।

वहीं कांग्रेस को पांच सीटों का नुकसान उठाना पड़ा।

UP, उत्तराखंड में सरकार बनने से BJP को फायदा

जून, जुलाई और अगस्त में कुछ राज्यों में राज्यसभा के और चुनाव होंगे। ऐसे में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में सरकार बनने से BJP को जो नुकसान राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब सहित दूसरे राज्यों से हो रहा था, उसकी काफी हद तक भरपाई हो जाएगी। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड से BJP की सीटें कम होगी, लेकिन UP, उत्तराखंड से कुछ सीटें बढ़ जाएंगी। ऐसे में एक या दो सीटों का ही फर्क पड़ेगा।

AAP 3 से 8 पर पहुंची

पंजाब से आने वाले राज्यसभा के पांच सांसदों का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है। पांचों सीटों के लिए 31 मार्च को चुनाव होने थे, जिस पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने पांचों ही सीटों पर कब्जा कर लिया है। इनमें दिल्ली के राजिंदर नगर से विधायक राघव चड्ढा, क्रिकेटर हरभजन सिंह, संदीप पाठक, संजीव अरोड़ा और अशोक मित्तल शामिल हैं। इससे कांग्रेस और अकाली दल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।

अब राज्यसभा में आप सांसदों की संख्या 3 से बढ़कर 8 हो गई है। पहले दिल्ली से केवल 3 सांसद थे। पंजाब विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद आम आदमी पार्टी को यह लाभ मिला। जुलाई में 2 सीटों पर और चुनाव होंगे। ये दोनों ही सीटों आम आदमी के खाते में जाएंगी। ऐसे में आप सांसदों की संख्या 10 हो जाएगी।

कांग्रेस को राजस्थान, छत्तीसगढ़ से होगी भरपाई

कांग्रेस को असम, पंजाब, हिमाचल में अपनी सरकार न होने फिलहाल पांच सीटों का नुकसान हो चुका है।

आगे उत्तराखंड चुनाव में हार से राज्यसभा में कांग्रेस को एक सीट का और नुकसान होने जा रहा है। उसकी कुछ हद तक भरपाई कांग्रेस को राजस्थान और छत्तीसगढ़ से होगा। राजस्थान से तीन और छत्तीसगढ़ से दो सीटें मिलेगी।

1988 में राज्यसभा में था कांग्रेस का दबदबा

1988 में कांग्रेस के पास 108 सदस्य थे। फिर 1990 में हुए द्विवार्षिक चुनावों के बाद संख्या गिरकर 99, 2012-13 के बीच 72 पहुंच गई और अभी तक कांग्रेस के सदस्यों की संख्या में गिरावट जारी है।

3 मई से पहले सात होंगे नॉमिनेट

तीन मई से पहले केंद्र सरकार की ओर से सात राज्यसभा सांसद नॉमिनेट भी किए जाएंगे, क्योंकि छह नॉमिनेट राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल 24 अप्रैल 2022 को खत्म हो रहा है, जबकि एक सांसद का कार्यकाल तीन मई को खत्म हो रहा है।