शहर में करीब 5 बड़े नाले और नपा का पुराना सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का डिस्चार्ज होने वाला गंदा पानी बेतवा नदी को प्रदूषित कर रहा है। इनमें मुख्य रूप से चोर घाट का नाला और पीलिया नाला बेतवा नदी को सबसे अधिक दूषित कर रहे हैं। इन दोनों नालों को बेतवा नदी में सीधे मिलने से रोकने के लिए अमृत 2.0 योजना में शामिल किया है।
नपा इन दोनों नालों को डायवर्ट करके एसटीपी से जोड़ने के लिए आर्किटेक्ट से व्यवस्थित प्लान तैयार करा रही है। ये नाले एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) से जुड़ने से बेतवा नदी काफी हद तक प्रदूषित होने से बचेगी। कई सालों से इन नालों को बेतवा में मिलने से रोकने की मांग की जा रही है। हाल ही में बेतवा नदी में पनपी हरी काई की वजह से पानी खराब होने से पिछले कई दिनों से शहर के तमाम संगठनों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है।
योजना…. ठोस व अपशिष्ट पदार्थ को बेतवा में जाने से रोका जाएगा
पीलिया नाला और चोर घाट के नालों के गंदे पानी का एसटीपी के जरिए ट्रीटमेंट किया जाएगा। इसके अलावा ठोस व अपशिष्ट पदार्थ को बेतवा में जाने से रोका जाएगा। इससे बेतवा नदी शहर सीमा में प्रदूषित होने से काफी हद तक बचेगी। उल्लेखनीय है कि पीलिया नाला और चोर घाट के नाले में शहर के कई छोटे बड़े नाले मिलते हैं।
चोर घाट का नाला शहर के पुराना जिला अस्पताल रोड, कागदीपुरा, डंडापुरा, मुखर्जीनगर से होकर वाटर वर्क्स के पास से बेतवा नदी में मिलता है। इस नाले में शहर के सबसे अधिक नाले जुड़े हुए हैं। इसके अलावा पीलिया नाले में भी शहर के अनेक नाले मिले होने से बेतवा में गंदा पानी व अपशिष्ट पदार्थ सीधे मिल रहे हैं। जिन्हें रोकने की तैयारी है।
कई नए और अधूरे प्रोजेक्ट को देंगे अंजाम, 150 करोड़ की लागत
नपा सीएमओ सुधीर सिंह के मुताबिक शहर में अमृत योजना 2.0 लागू करने की तैयारी चल रही है। इसमें करीब 150 करोड़ रुपए की लागत से कई बड़े प्रोजेक्ट शामिल किए गए हैं, जिसमें मुख्य रूप से हलाली डेम से विदिशा तक पानी लाने, शहर में टंकियां निर्माण कराना, पाइप लाइन बिछाने आदि बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इसके अलावा शहर में अधूरे पड़े सीवेज नेटवर्क कार्य को भी अमृत 2.0 योजना से पूरा कराया जाएगा। शहर में अभी लगभग 40 फीसदी घरों में सीवेज लाइन का काम अधूरा है। सीएमओ ने बताया कि पीलिया नाला और चोर घाट के नाले को भी इस इसमें शामिल कर आर्किटेक्ट से प्रोजेक्ट तैयार कराया जा रहा है।
इधर नपा की लीपापोती पर तीन दिन बाद उग्र आंदोलन
कुछ दिन पहले बेतवा का पानी प्रदूषित होने पर शहर के तमाम संगठनों ने प्रदर्शन कर गंदे नालों को बेतवा में मिलने से रोकने की मांग की थी। विरोध के बाद नपा ने 15 दिन में चोर घाट के नाले पर जाली लगाकर काफी हद तक गंदगी को रोकने का आश्वासन दिया था। नपा द्वारा रायल पैलेस के पास नाले पर जाली लगाई गई है। नपा की इस कारगुजारी पर पर्यावरणप्रेमी सवाल खड़े कर रहे हैं।
पर्यावरणप्रेमियों के मुताबिक रायल पैलेस आगे इस नाले में गुठान और आसपास के कई नाले मिल रहे हैं। कहा जा रहा है कि नपा नालों की गंदगी को नदी में मिलने से रोकने के लिए ठोस कार्य कराने के बजाए महज लीपा पोती कर रही है।
पर्यावरण मित्र नीरज चौरसिया ने बताया कि नपा ने रायल पैलेस के पास नाले पर अपशिष्ठ पदार्थ रोकने के लिए जाली लगाई है, उससे बेतवा का प्रदूषण नहीं रुकेगा। प्रदूषित सीवेज को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। प्रशासन को 15 दिन का समय दिया गया है। 12 दिन हो चुके हैं। तीन दिन बाद उग्र आंदोलन किया जाएगा।