पुराने शहर के सदर बाजार मुख्य मार्ग की खड़जा पत्थर सड़क 63 साल पुरानी हो चुकी है। फर्सी के पत्थर चिकने और उबड़ खाबड़ होने से रोज बाइक सवार फिसल कर गिर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि सदर बाजार की फर्सी हटाकर डामर या सीसी करण कराया जाए। इससे आए दिन होने वाले सड़क हादसों को रोका जा सके। सदर बाजार पुराने शहर का मुख्य बाजार माना जाता था। यह मार्ग आज भी पत्थर फर्सी का बना है। यातायात के दबाव और बारिश में बैठक लेने से फर्सियां आड़ी तिरछी हो चुकी हैं।
फर्शियों की अब तक तीन बार नपा मरम्मत करा चुकी है लेकिन कुछ दिन ठीक रहने के बाद जस के तस स्थिति में आ जाती हैं। सदर बाजार के अतिरिक्त पांच वार्डों के नागरिकों का आवागमन का एक मात्र मार्ग है। नगर समिति का गठन 1922 के दौरान हुआ था। इसके बाद नगर परिषद का दर्जा मिला।
नगर परिषद के गठन से अब तक जितने भी अध्यक्ष बने हैं। उनमें 90 फीसदी पुराने शहर के रहने वाले ही थे। छह दशक पहले चार इंच मोटे खड़जा पत्थर का उपयोग कर सदर बाजार मार्ग का निर्माण कराया गया था। समय और यातायात के बढ़ते दबाव के करण सड़क के सारे पत्थर चिकने हो चुके हैैं। अब समस्या का कारण बन रहे हैं। पुराने शहर के सभी मार्गों का सीसी करण और डामरीकरण करा दिया गया है लेकिन यही एक मात्र मार्ग बचा है।
पहले था 30 फीट चौड़ा मार्ग
60 दशक पहले बना सावरकर चौक से गांधी चौक मार्ग की चौड़ाई 30 फीट थी लेकिन अब कहीं 15 तो कहीं 20 फीट बची है। पहले पूरे शहर के लोग खरीददारी के लिए यहीं आते थे। उनको सारा सामान इस बाजार में ही उपलब्ध हो जाता है। आज पूरा बाजार हासिए पर आ चुका है। पूर्व पार्षद सत्यप्रकाश सेन, नारायण सोनी, संतोष अग्रवाल ने बताया कि व्यापारियों ने व्यापार पर ध्यान दिया लेकिन बाजार विकास पर नहीं।
वर्तमान समय में शोरूम और माल का है। बाजार में ऑटो रिक्शा आने पर ही जाम के हालात बन जाते हैं। बाजार विस्तार के लिए न सुविधा है न जगह जबकि व्यापारी चाहते तो बाजार का विकास हो सकता था।
सदर बाजार में अधिकांश भवन नए बन चुके
सदर बाजार के 60 फीसदी व्यापारियों के पुराने भवन टूट कर नए बन चुके हैं। यह सिलसिला जारी है। कुछ पुराने मकान बने हैं। उनमें रहने वालों का तर्क है कि सीसी सड़क निर्माण से फाउंडेशन सड़क से नीचा हो जाएगा। इसलिए विरोध करते हैं। इसके लिए सड़क को खोदकर भी सीसी की ऊंचाई कम की जा सकती है। सीसी के स्थान पर डामरीकरण भी विकल्प हो सकता है।
कई बार हुई खुदाई
सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण मोहन शर्मा, कृष्णा सक्सैना, रामू बैरागी, सुनील पिंगले का कहना है कि सालों पुराने इस सड़क का नए सिरे से निर्माण होना चाहिए। जल आवर्धन योजना की पाइप लाइन बिछाने और टेलीफोन केबल डालने के लिए कई बार सड़क की खुदाई होने से फर्सी पत्थर अस्त व्यस्त हो चुके हैं।
पिछले तीन अध्यक्षों के कार्यकाल में पत्थरों की री-सेटिंग कराई गई लेकिन कुछ दिनों के बाद स्थिति खराब हो गई। सालों पुराने यह पत्थर बेहद चिकने हो चुके हैं। इससे साइकिल और दोपहिया वाहन आए दिन फिसलते हैं। बारिश में तो पल पल पर वाहन फिसलते हैं।
प्रक्रिया पूरी करेंगे
सदर बाजार की सड़क का निरीक्षण किया जाएगा। उसका सर्वे कराने के बाद एस्टीमेट बनाकर प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
निशांत सिंह ठाकुर, सीएमओ नपा गंजबासौदा।