शिवराज सरकार ने बुधवार को 2022-23 का बजट पेश किया। इस दौरान कांग्रेस ने सदन में जमकर हंगामा किया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का पूरा भाषण हंगामे के बीच हुआ। बजट को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। बजट के बाद संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार 2021 का वितरण समारोह हुआ। आयोजन मप्र विधानसभा ने किया था। इसमें दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार मिला। बेटे को पुरस्कार मिलने पर दिग्विजय अपने इमोशन को नहीं रोक सके। उन्होंने ट्वीट कर बधाई दी और लिखा- ‘बधाई जेवी।’
इन्हें मिला बेस्ट मंत्री का अवॉर्ड
- डॉ. नरोत्तम मिश्रा, विधि-विधायी कार्य तथा गृह मंत्री
- जगदीश देवड़ा, वित्त मंत्री
- भूपेंद्र सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री
इन्हें मिला उत्कृष्ट विधायक सम्मान
- झूमा सोलंकी
- यशपाल सिंह सिसोदिया
- बहादुर सिंह चौहान
- जयवर्धन सिंह
जनता हमें जोकर, नाटककार, पाखंडी समझती है : शिवराज
सीएम शिवराज ने इस मौके पर कहा कि जिस तरह की परिस्थितियां बनी हुई हैं, उसमें कुछ समय से सदन को सुचारू रूप से संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का आभार प्रकट करने का अवसर नहीं मिल रहा है। उन्होंने सदन का बेहतर संचालन किया है। उन्होंने कहा कि पक्ष-विपक्ष की जनता और लोकतंत्र के प्रति जवाबदेही है। सदन में गरिमा होनी चाहिए। जनता भी जब ऐसा देखती है, तब उनके मन में हम लोगों के प्रति अच्छे भाव पैदा नहीं होते हैं। हमें जोकर, नाटककार और पाखंडी समझा जाता है। एक बार बच्चे विधानसभा की कार्रवाई देखने आए, इसके बाद वे कमेंट कर रहे थे कि ऐसा तो मछली बाजार में होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन राजनीति की बलि नहीं चढ़ने चाहिए।
जनता से जुड़े मुद्दों पर व्यापक दृष्टिकोण से चर्चा हो: ओम बिरला
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी समोराह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि दुनिया के अंदर लोकतंत्र ही शासन चलाने की सबसे श्रेष्ठ पद्धति है। भारत को इसका गर्व है। यहां जनता को बीच में रखकर संविधान का निर्माण हुआ है। विधानसभा में जनता से जुड़े मुद्दों पर व्यापक दृष्टिकोण से चर्चा हो। हम सदनों में देर तक बैठें। वरिष्ठ नेता भी सदन में अंतिम समय तक बैठते थे, लेकिन आजकल सदस्यों के बैठने की संख्या कम है। सदनों के अंदर बैठकों की संख्या कम होना भी चिंता विषय है। कई विधानसभा ऐसी हैं जहां 30 दिन भी विधानसभा की कार्रवाई नहीं चलती। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
इधर, आमंत्रण पत्र में कमलनाथ का नाम नहीं होने से बवाल
समारोह के आमंत्रण पत्र में पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ काे जगह नहीं दी गई। इसके चलते पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार वितरण समिति से इस्तीफा दे दिया है। वे पुरस्कार वितरण समारोह के आमंत्रण पत्र में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ का नाम नहीं होने से नाराज थे।