Wednesday, September 24

जल संकट होगा खत्म:अमृत योजना 2.0: 35 किमी दूर हलाली डेम से नहर के रास्ते पाइप लाइन बिछाकर शहर में लाएंगे पानी

शहर में अमृत योजना 2.0 लागू करने की तैयारी चल रही है। इसके तहत 35 किमी दूर हलाली डेम से विदिशा तक पानी लाने के लिए 72 करोड़ रुपए की योजना बनाई है। नगरीय प्रशासन विभाग ने एक एजेंसी से सर्वे कराया है। आने वाले समय में इस योजना से शहर का जल संकट खत्म होगा और पानी की कमी नहीं आएगी। योजना के तहत हलाली से विदिशा तक पाइप लाइन बिछाकर पानी लाया जाएगा।

नपा के अधिकारी इस योजना पर चर्चा करेंगे। इसके बाद योजना पर काम शुरू होगा। बेतवा नदी का पानी कम होने के बाद नपा को हर 2 महीने में केनाल के जरिए हलाली से 20 एमसीएफटी पानी मंगाना पड़ता है। हर बार पानी लेने में नपा को 10 लाख रुपए हलाली परियोजना को देना पड़ते हैं।

25 साल तक पानी की जरूरत होगी पूरी

नई पाइप लाइन बिछाने के बाद 25 साल तक शहर की पानी की जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। विदिशा की आबादी 2 लाख से अधिक हो गई है। 25 सालों में यदि शहर की आबादी 2.50 लाख तक भी होती है तो उससे पानी की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा। –सुधीरसिंह सीएमओ , नपा

अभी रास्ते में ही 80% पानी हो जाता है बर्बाद

हलाली से विदिशा तक पाइप लाइन बिछाने में करीब 72 करोड़ रुपए का खर्च होगा। वर्तमान में हलाली का पानी नहर के माध्यम से विदिशा तक लाने के कारण आधे से ज्यादा पानी रास्ते में ही बह जाता है। हलाली से 100 एफसीएफटी पानी छोड़ा जाता है लेकिन कालिदास बांध तक 20 एफसीएफटी पानी ही आ पता है। यदि पाइप लाइन के जरिए पानी विदिशा तक पहुंचेगा तो उससे पानी की बर्बादी नहीं होगी।

जरूरत से कम मिल रहा है पानी

विदिशा की नई पेयजल योजना और बढ़ती आबादी के अनुसार रोजाना 27 एमएलडी पानी की जरूरत है। इसके विपरीत नगरपालिका के पास केवल 17 एमएलडी पानी की ही उपलब्धता है। इससे पूरी योजना पर ठीक से काम नहीं हो पा रहा है। नई योजना के तहत यदि ठीक से काम हुआ तो शहर के लोगों को भरपूर पानी मिलने लगेगा। वहीं पाइप से पानी आने पर रास्ते में पानी की बर्बादी भी नहीं होगी।

सिटी बसें चलना थीं, नपा ने 4 बर टेंडर निकाले , नहीं आए ट्रांसपोर्टर

नगरपालिका द्वारा शहर में सिटी बसें चलाने के लिए अमृत योजना के पहले फेस में साल 2015 में मंजूरी मिली थी। सिटी बस चलाने के लिए 8 करोड़ रुपए की राशि मंजूर हुई थी। इसके तहत 27 बसें चलना थीं। 4 बार टेंडर बुलाने के बाद भी ट्रांसपोर्टर नहीं मिले। इसके लिए बाकायदा रूट भी तैयार हुआ था।

साल 2016 से योजना शुरू हुई थी। इसके तहत शहर में 11 स्थानों पर सड़कों के दोनों ओर 22 स्थानों पर बस स्टॉप भी बनाए जाने के लिए स्थान चयनित किए जा चुके थे, लेकिन सभी तैयारी धरी रह गई। जब इस कार्य में कोई आगे नहीं आया तो यह प्लान निरस्त कर दिया गया। इसके बाद अब अमृत योजना 2.0 की तैयारी शुरू हो गई है।

अब तक होना थे 26 हजार सीवेज कनेक्शन, लेकिन 18 हजार ही हुए

शहर में अमृत योजना के पहले फेस में 98 करोड़ से सीवेज लाइन का काम हुआ। इसके तहत शहर में 26 हजार सीवेज कनेक्शन होने थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नपा अधिकारियों के मुताबिक अब तक 18 हजार कनेक्शन हो चुके हैं। देखा जाए तो योजना के तहत पूरा काम अब तक नहीं हो पाया है।

नहीं फैली हरियाली: 26 बीघा में पार्क का विकास हुआ, लेकिन पौधे मुरझा गए

अमृत योजना के तहत शहर में हरियाली फैलाने का काम होना था। इसके तहत अहमदपुर रोड पर 26 बीघा में पार्क विकसित करने का काम हुआ। यहां पौधे लगाए लेकिन अब पानी की कमी से मुरझा रहे हैं। वहीं पार्क में बनाया गया तालाब भी सूख गया है।