आर्थिक बोझ कम करने के लिए सरकार एक ओर फिजूल खर्च बंद कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की लापरवाही आर्थिक बोझ बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है। ऐसा ही उदाहरण नगर में पिछले 15 दिनों से देखने मिल रहा है। जय स्तंभ चौक से रेलवे स्टेशन के बीच फोर लेन सड़क पर निर्धारित समय से 2 घंटे पहले स्ट्रीट लाइट जलाई जा रही हैं। इस कारण 2 घंटे अतिरिक्त बिजली सप्लाई जलने के कारण नगर पालिका पर आर्थिक दबाव बढ़ जाएगा।
सामाजिक कार्यकर्ता राजीव सक्सेना ने बताया कि स्ट्रीट लाइट जलाने का समय 6 बज कर 20 मिनट रखा गया है किंतु पिछले 15 दिनों से सवा 4 बजे स्ट्रीट लाइट जला दी जाती है। इस कारण दो घंटे तक दिन में ही लाइट जलती रहती है। इन दिनों वैसे ही नगर पालिका राशि नहीं होने से आर्थिक तंगी से जूझ रही है। जरूरी विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। हर महीने नगर पालिका, बिजली कंपनी को करीब 11 लाख रुपए बिल अदा करती है। कभी हालात कैसे होते हैं। बिजली का बिल का भुगतान पेंडिंग हो जाता है।