विदिशा-भोपाल रोड पर रंगई के पास बेतवा में 17 करोड़ रुपए की लागत से नया पुल बनकर तैयार हो चुका है। केवल उद्घाटन का इंतजार है। इसमें दोनों तरफ एप्रोच रोड बनाने का काम पूरा हो चुका है। पुल पर रंग-रोगन भी कर दिया गया। इस पुल के चालू हो जाने से लोगों को उसके पास सिंधिया रियासत में बने 150 साल पुराने पुल से निजात मिल जाएगी।
विदिशा से भोपाल जाने के लिए बेतवा में यह सबसे पुराना पुल है। यह पुल काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है। जिस लेयर टेक्निक से यह पुल बना है, अब उस टेक्निक से अब पुलों की मरम्मत नहीं की जाती है। इसकी चौड़ाई भी 5 मीटर है जबकि उसी के बाजू में बने नए पुल की चौड़ाई 7.50 मीटर है। इसी कारण नए पुल की आवश्यकता पड़ी। नया पुल बनने के बाद हादसे का खतरा भी नहीं रहेगा।
इससे विदिशा-भोपाल के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। मप्र सेतु निगम के ईई जावेद खान ने बताया कि रंगई ब्रिज बनकर तैयार है। जल्द ही इसका उद्घाटन करवाया जाएगा।
एप्रोच रोड की लंबाई बढ़ाने से 6 करोड़ बढ़ गई लागत नया पुल पहले से 141 मीटर की लंबाई तक बनकर तैयार हो चुका है। इसमें अब तक 17 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। अब 105 मीटर एप्रोच रोड बढ़ने से इस पुल की कुल लंबाई बढ़कर 246 मीटर हो गई है। पुल की लंबाई बढ़ने के साथ ही इसकी लागत भी 6 करोड़ बढ़ गई है।
पुल के पास जल भराव के कारण बढ़ाई 105 मीटर लंबी एप्रोच रोड
श्रीमंगलम बिल्डकान कंपनी गुजरात के रेसीडेंट इंजीनियर धर्मवीर भारती ने बताया कि रंगई गांव और श्रीबाढ़ वाले गणेश मंदिर के पास बारिश के समय बेतवा का पानी ऊपर आ जाता था। नए पुल का कोई फायदा नहीं हो रहा था। यहां 141 मीटर की लंबाई तक जल भराव होने से बाद में लोगों को असुविधा हो रही थी। इस कारण फिर से इसकी लंबाई 105 मीटर तक एप्रोच रोड बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। नए पुल की खासियत यह है कि बाढ़ के समय भी बेतवा का पानी एप्रोच रोड और पुल के ऊपर नहीं पहुंचेगा। ट्रैफिक आसानी से निकलता रहेगा। वैसे पुल के निर्माण की डेड लाइन दिसंबर 2020 में खत्म हो गई थी।
10 से ज्यादा जिलों का निकलता है ट्रैफिक
विदिशा के बेतवा स्थित रंगई पुल से भोपाल, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर, गुना, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और दमोह सहित कई जिलों का ट्रैफिक यहीं से निकलता है। वहीं भोपाल जाने के बुंदेलखंड, महाकौशल, बघेलखंड, ग्वालियर और चंबल संभाग के सभी जिलों के लोग यहीं से निकलते हैं।