दुर्घटनाग्रस्त रेलवे कोच को ऊपर से काटकर उसके अंदर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला जा रहा था। रेल हादसे के बाद यात्रियों को बाहर निकालने के लिए कोच को एयर प्रेशर से ऊपर उठाया जा रहा था। कुछ गंभीर घायल यात्रियों को स्ट्रेचर में रखकर एंबुलेंस से इलाज के लिए अस्पताल भेजा जा रहा था।
रेस्क्यू कर 2 साल के एक बच्चे समेत 20 घायल यात्रियों को बाहर निकाला गया था। मौका था रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा पर शुक्रवार को सुबह 9.35 से 11.30 बजे तक सौराई रेलवे स्टेशन पर किए गए एक मॉकड्रिल का। इसमें एनडीआरएफ और पश्चिम मध्य रेलवे भोपाल की 32 सदस्यीय टीम द्वारा हादसे का सीन क्रिएट किया गया था।
परिदृश्य: हादसे में ट्रेन के 2 डिब्बे दुर्घटनाग्रस्त हो गए
मॉक एक्सरसाइज: ट्रेन हादसे के दौरान ट्रेन के 2 डिब्बे दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। इसमें महिलाओं और बच्चों समेत 20 यात्री अंदर फंस गए थे। 2 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला।
ये टूल्स उपयोग किए: कटिंग टूल्स और उपकरणों का इस्तेमाल कर डिब्बों में नीचे कटिंग कर गंभीर रूप से फंसे पीड़ितों को रस्सी के माध्यम से बचाया गया।
नेतृत्व: एनडीआरएफ के कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में 11वीं वाहिनी वाराणसी की टीमें आपदा प्रबंधन एवं बचाव के लिए मॉक अभ्यास कर रही हैं।