Tuesday, September 23

बीबीसी ने किया डॉक्युमेंट्री का प्रसारण–भारत में प्रसारण पर रोक

delhi-gangrape_1425451261नई दिल्ली. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा ‘इंडियाज डॉटर’ नाम से बीबीसी द्वारा बनाई डॉक्युमेंट्री के भारत में प्रसारण पर रोक लगाने के बावजूद चैनल ने गुरुवार सुबह 3.30 बजे इसका प्रसारण किया। हालांकि, भारत में इसका प्रसारण नहीं हुआ, लेकिन ब्रिटेन के अलावा यूरोप के कुछ दूसरे देशों में दिखाया गया। खास बात यह है कि इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा था कि वह डॉक्युमेंट्री का प्रसारण विदेश में भी नहीं होने देंगे। प्रसारण के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने आक्रोश जताया। #BanBBC, #DontRapeAgain ट्विटर पर टॉप ट्रेन्डिंग टॉपिक में शामिल हो गए।संसद में हंगामा

निर्भया गैंगरेप कांड के दोषी का इंटरव्यू किए जाने और उसे इंडियाज डॉटर नाम की डॉक्युमेंट्री के तहत दिखाने की कोशिश के मामले पर बुधवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। सरकार पर उठे सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चैनल को इंटरव्यू की इजाजत दिए जाने से उन्हें हैरानी हुई है और सरकार ने बीबीसी फोर पर डॉक्युमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस डॉक्युमेंट्री के लिए इजाजत नहीं दी, इसे पिछली सरकार ने अनुमति दी थी। वहीं यूपीए सरकार में गृहमंत्री रहे सुशील शिंदे ने भी अनुमति दिए जाने के मामले पर सफाई दी है। उन्होंने कहा, ”भले ही डॉक्युमेंट्री को अनुमति 2013 में दी गई थी लेकिन यह मामला उनके संज्ञान में नहीं लाया गया था। ”
रिसर्च के नाम पर मिली थी इजाजत, सरकार कराएगी जांचः गृह मंत्री
राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए राजनाथ ने कहा, ”जेल में डॉक्युमेंट्री बनाने की मंजूरी जुलाई 2013 में दी गई थी। मैं हैरान हूं कि किस हालात में यह मंजूरी दी गई। यह मंजूरी रिसर्च के नाम पर दी गई थी और उसके साथ कई शर्तें लगाई गईं थीं। इसके प्रसारण और व्यवसायिक इस्तेमाल की शर्त नहीं थी। इसका इस्तेमाल सामाजिक उद्देश्य से किए जाने का आश्वासन दिया गया था। हालांकि, अब इसका प्रसारण नहीं होगा। सरकार ने कोर्ट से आदेश लेकर इस पर रोक लगा दी है।” केंद्रीय गृह मंत्री ने लोकसभा में इस मसले पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, ”इस प्रकार का इंटरव्यू शूट करने के लिए शर्त के साथ ही सही पर इजाजत क्यों दी गई, इस बात की सरकार जांच कराएगी और जरूरत पड़ी तो इस मामले में जवाबदेही भी तय की जाएगी। आगे जेलों में इस प्रकार के इंटरव्यू को लेकर सरकार मंजूरी की प्रक्रिया और शर्तों की समीक्षा करेगी, ताकि फिर ऐसा कोई मामला सामने नहीं आए।”
सदन में हुई हैं इससे गंदी बातें- जावेद अख्तर
निर्भया रेप मामले में बीबीसी की डॉक्युमेंट्री को लेकर राज्यसभा में हंगामा और सरकार द्वारा प्रसारण पर रोक लगाए जाने के बाद मशहूर गीतकार और सांसद जावेद अख्तर ने कहा, ”डॉक्युमेंट्री में रेपिस्ट ने जो बाते कहीं हैं, उनसे कहीं ज्यादा गंदी बातें इस सदन में कही गई हैं। मैं तो कहता हूं कि इसका प्रसारण होना चाहिए, ताकि इस प्रकार की सोच रखने वालों को अपनी मानसिकता बदलने पर मजबूर होना पड़े।” सांसद अनु आगा ने कहा, ”मसला यह नहीं है कि किसने इस डॉक्युमेंट्री को बनाने की मंजूरी दी और इसमें क्या कहा गया, सवाल यह है कि आज भी हमारे समाज में पुरुष इसी प्रकार की सोच रखते हैं। पुरुष आज भी इस प्रकार की घटनाओं के लिए महिलाओं के कपड़े आदि को जिम्मेदार ठहराते हैं, जो मानसिकता को बयां करता है।” सपा से राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा, ”पिछली सरकार ने जो किया था, ये लोग (मौजूदा केंद्र सरकार) भी यही कर रहे हैं। अब हमें आश्वासन नहीं चाहिए। सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या तीन साल में महिलाओं के प्रति लोगों के नजरिए में बदलाव आए है कि नहीं, महिलाओं के खिलाफ अपराध क्यों कम नहीं हो रहे हैं। मै कहती हूं कि दोषियों को हमारे हवाले कर दीजिए, हम फैसला कर देंगे।”
डॉक्युमेंट्री के लिए पिछली सरकार ने दी थी इजाजतः मंत्री
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि जेल में डॉक्युमेंट्री बनाने की इजाजत पिछली सरकार ने कुछ शर्तों के साथ दी थी। राठौर ने कहा, ”डॉक्युमेंट्री के प्रसारण पर हमने रोक लगा दी है।” इधर, कांग्रेस की सांसद अंबिका सोनी और रेणुका चौधरी ने कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। चौधरी ने कहा इस मामले को लेकर जरूर कोई असमंजस की स्थिति है, मुझे नहीं लगता कि पिछली सरकार ने इस प्रकार की कोई मंजूरी दी होगी।
इधर, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा, ”प्रथम दृष्ट्या डॉक्युमेंट्री के लिए इजाजत देने में कोई गलती नहीं है, इसके लिए कुछ शर्तें भी लगाई गई थीं। हालांकि, उन शर्तों का उल्लंघन हुआ है और हम कंटेंट की जांच करेंगे।”
क्या है डॉक्युमेंट्री में
8 मार्च को महिला अंतरराष्ट्रीय दिवस पर बीबीसी ने इसके प्रसारण की योजना बनाई थी। इस डॉक्युमेंट्री में जेल में बंद एक दोषी मुकेश सिंह ने कहा है कि अगर रात में महिलाएं निकलेंगी तो इस तरह की घटनाएं होंगी। बीबीसी की डॉक्युमेंट्री में मुकेश सिंह ने कहा, “रेप के लिए आदमी से ज्यादा महिला जिम्मेदार होती है।” इंटरव्यू में मुकेश ने दलील दी, “आप एक हाथ से ताली नहीं बजा सकते, इसके लिए आपको दोनों हाथों की जरूरत होती है। एक सभ्य लड़की रात में नौ बजे घर के बाहर नहीं घूमेगी। उस हालत में एक लड़की रेप के लिए लड़के से कहीं ज्यादा जिम्मेदार होती है। लड़के और लड़की एक नहीं हो सकते। घर का काम और घर में रहना लड़कियों का काम है। वे रात में बार, डिस्को कैसे जा सकती हैं? भद्दे कपड़े पहन कर गलत काम करती हैं। केवल 20 प्रतिशत लड़कियां ही अच्छी होती हैं।” 16 दिसंबर, 2012 को पैरा मेडिकल की छात्रा निर्भया अपने दोस्त के साथ फिल्म देख कर रात में अपने घर लौट रही थी। रास्ते में वह गैंगरेप की शिकार बनी। जिस बस में निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ, उसे घटना के वक्त मुकेश ही चला रहा था