Tuesday, September 23

सीएम हेल्पलाइन का टोल फ्री नंबर जल्द होगा शुरू

Shivraj singh chouhan

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही पाए जाने पर वरिष्ठ अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस ही सुशासन का मूल मंत्र है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और टेली समाधान व्यवस्था को एकीकृत कर दिया गया है। टेलीकाम विभाग द्वारा इस हेल्प लाइन का जल्द ही तीन डिजिट का सरल 181 टोल फ्री नंबर आम लोगों के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार को लेकर की गई शिकायतों पर 48 घंटे के अंदर शिकायकर्ता को जवाब देना होगा। मुख्यमंत्री ने यहां सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए निर्देश दिए कि अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर केवल शुक्रवार और शनिवार के अलावा अन्य दिनों में बैठकें रखी जाएं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं केवल सोमवार और मंगलवार को मंत्रालय में बैठकें लेंगे और बाकी दिन मैदानी दौरा करेंगे। हर सोमवार को शाम 5 बजे किसी महत्वपूर्ण विषय विशेष पर सभी विभागों के सचिव मिलकर विचार-विमर्श करेंगे। इसी तारतम्य में आगामी सोमवार को गौण खनिजों रेत गिट्टी आदि के संबंध में नीति तय करने के संबंध में चर्चा की जाएगी। श्री चौहान ने कहा कि पूरी व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए ऊपरी स्तर से शुरूआत करना जरूरी है। जो अच्छा काम करें उसकी तारीफ हो। उनका सार्वजनिक सम्मान भी किया जाए, जो लापरवाही करें उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाए। चौहान ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में लोगों की समस्याओं के समाधान के साथ योजनाओं के बारे में चाही गई जानकारी तथा अपेक्षित सूचनाएं भी दी जाएं। उन्होनें मंत्रालय की कार्य-प्रणाली में और सुधार लाने के लिए विशेष प्रयास के निर्देश दिए और प्रमुख सचिवों से सुझाव मांगे। सीएम ने कहा कि मंत्रालय स्तर पर प्रस्तुत विकास की स्थितियां और मैदानी स्तर पर विकास की स्थिति में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वरिष्ठ अधिकारी अपने विभाग सहित अन्य विभागीय गतिविधियों और आम जनता से जुड़ी सेवाओं की स्थिति जांचने-परखने मैदानी दौरा करें। उन्होंने आगामी 15 दिन में सभी मैदानी अधिकारियों को अपने अधीनस्थ कार्यालयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि टेली समाधान और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन का अब एकीकृत स्वरूप होगा। सभी विभाग प्रमुखों से कहा गया है कि वे ज्यादा से जयादा सेवाएं हेल्प लाइन की इस प्रक्रिया में दर्ज करवायें। वर्तमान में 22 विभाग की 325 सेवाएं दर्ज हैं। सीएम की बातों पर भरोसा नहीं हुआ लालवानी कोमुख्यमंत्री यदि किसी व्यक्ति को फोन लगाएं और कहें कि मैं आपका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बोल रहा हूं? तो कुछ जहां इस बात पर विश्वास कर लेते हैं कुछ को आसानी से भरोसा भी नहीं होता कि आखिर सीएम को क्या पड़ी है, मुझसे बात करने की? गुरूवार को भी कुछ ऐसा ही प्रसंग सामने आया, जब मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की संचालन व्यवस्था देखने श्री चौहान एमपी नगर पहुंचे। यहां उन्होंने इंदौर के घनश्याम लालवानी से उनकी स्ट्रीट लाइट की शिकायत को लेकर जानना चाहा, कि क्या उनकी शिकायत का समाधान हो गया है? इससे पहले मुख्यमंत्री ने अपना परिचय दिया, लेकिन लालवानीजी ने कोई तवज्जो नहीं दी। इनके रूखेपन से दिए गए जवाब से यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि वे मुख्यमंत्री के बताने के बाद भी यह विश्वास करने तैयार नहीं थे कि वे सीएम से बात कर रहे हैं। उन्होंने उसी शैली में जवाब दिया, जैसे कि वे किसी सामान्य व्यक्ति को दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने भी लालवानी का मनोभाव समझा तो वे भी अफसरों की ओर देखकर मुस्कुरा दिए। मुख्यमंत्री ने सचिव विवेक अग्रवाल के फोन से लालवानी से बात की थी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कॉल सेंटर पर उज्जैन ने अपना परिचय दिया, तो उन्हें भी सहसा विश्वास नहीं हुआ। लेकिन आश्वस्त होने पर बताया कि उनके क्षेत्र में गैस कंपनी वाले बगैर कोई कारण बताये 50 रूपये की रसीद काट रहे हैं। मुख्यमंत्री दोपहर में 3:12 बजे कॉल सेंटर पहुंचे और 3:57 बजे यहां से रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने कॉल सेंटर के ऑपरेटरों के साथ फोटो भी खिंचवाई। उन्होंने कॉल सेंटर की शिकायत दर्ज करने और फिर निराकरण की पूरी प्रक्रिया को देखा। सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा जनकल्याण के अनेक कार्य किये जा रहे हैं। इन कार्यों पर अमल की वास्तविकता की जानकारी के लिए मैदानी हकीकतों से निरंतर परिचय आवश्यक है। इस संबंध में मंत्रियों, अधिकारियों को मैदानी दौरे करने के निर्देश दिए गए हैं।