Tuesday, September 23

कर्नाटक में हिजाब विवाद:हाईकोर्ट जज ने कहा- हम भावनाओं से नहीं कानून से चलते हैं, हमारे लिए संविधान ही गीता है; कुरान की प्रति भी मंगवाई

कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब मामले में मुस्लिम छात्राओं की 4 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। जिसमें जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा कि हम कारणों और कानून के मुताबिक चलेंगे। किसी के जुनून या भावनाओं से नहीं। जो संविधान कहेगा, हम वही करेंगे। संविधान ही हमारे लिए भगवद्गीता है। इस मामले की लिस्टिंग पर उन्होंने कहा कि एक मामले में जो भी फैसला होगा, वह सभी याचिकाओं पर लागू होगा। हाईकोर्ट में सुनवाई फिलहाल रोक दी गई है, जो 3 बजे के बाद दोबारा शुरू होगी।
कोर्ट में मंगवाई कुरान की प्रति
कर्नाटक हाईकोर्ट की बेंच ने सुनवाई की शुरुआत में पहले ही पॉइंट पर की पुष्टि के लिए पवित्र कुरान की एक प्रति मांगी। जस्टिस दीक्षित ने पूछा कि यह कुरान की प्रामाणिक प्रति है, इस पर तो कोई विवाद नहीं। कुरान की कॉपी बैंगलोर के शांतिप्रकाश पब्लिशर्स ने प्रकाशित की है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि कुरान के कई अनुवाद है।

जय श्रीराम के नारे सुनकर लड़की ने कहा- अल्लाह हु अकबर
इसके पहले कर्नाटक में PES कॉलेज में उस वक्त सांप्रदायिक रंग घुलता नजर आया जब एक मुस्लिम लड़की कॉलेज पहुंची तो कई भगवा गमछा पहने कुछ स्टूडेंट्स उसे घेरकर जय श्रीराम के नारे लगाने लगे। इसका विरोध करते हुए उस लड़की ने भी अल्लाह हु अकबर के नारे लगाए।

उधर उडुपी में मंगलवार सुबह छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके जवाब में भगवा दुपट्टे पहने छात्र उनके सामने आ गए। दोनों तरफ से जबर्दस्त नारेबाजी हुई। इसके बाद कॉलेज के प्रोफेसर्स ने मामला संभाला।

कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद 1 जनवरी को शुरू हुआ था। यहां उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में क्लासरूम में बैठने से रोक दिया गया था। कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया था। इसके बाद इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। लड़कियों का तर्क है कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है।

कैसे शुरू हआ हिजाब vs भगवा
कर्नाटक के कुंडापुरा कॉलेज की 28 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास अटेंड करने से रोका गया था। मामले को लेकर छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए कहा था कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है, इसलिए उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। इन छात्राओं ने कॉलेज गेट के सामने बैठकर धरना देना भी शुरू कर दिया था।

लड़कियों के हिजाब पहनने के जवाब में कुछ हिंदू संगठनों ने लड़कों को कॉलेज कैंपस में भगवा शॉल पहनने को कहा था। वहीं, हुबली में श्रीराम सेना ने कहा था कि जो लोग बुर्का या हिजाब की मांग कर रहे हैं, वे पाकिस्तान जा सकते हैं। ये सवाल भी उठाया गया था कि हिजाब पहनकर क्या भारत को पाकिस्तान या अफगानिस्तान बनाने की कोशिश की जा रही है?

विवाद रोकने दो कॉलेजों में दो दिन की छुट्‌टी
विवाद बढ़ता देखकर कर्नाटक के विजयपुरा के दो कॉलेज.. शांतेश्वरा पीयू और जीआरबी कॉलेज में दो दिन की छुट्टी कर दी गई है, जबकि उडुपी के कॉलेज में हिजाब के साथ छात्राओं को आने की इजाजत दे दी गई थी। दूसरी तरफ कुंडापुरा के सरकारी पीयू कॉलेज ने कैम्पस में सोमवार को मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर आने की अनुमति तो दी, लेकिन यह नियम भी लागू किया कि वे अलग क्लास में बैठेंगी। ये छात्राएं कॉलेज गेट के बाहर रोज कॉलेज शुरू होने से लेकर खत्म होने तक प्रदर्शन कर रही थीं।

CM बोम्मई बोले- हाइकोर्ट का फैसला आने तक नियम मानें
इधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्कूली छात्राओं से कहा है कि जब तक हाईकोर्ट इस मामले में फैसला नहीं सुना देते तब तक वे यूनिफॉर्म को लेकर राज्य सरकार के नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म को लेकर नियम बनाए गए हैं, ताकि सभी छात्र एक जैसे दिखें। इन नियमों का संविधान में भी जिक्र है और इनका पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह नियम कर्नाटक एजुकेशन एक्ट में भी लिखे गए हैं। इस बारे में एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है।

कांग्रेस ने कहा- हिजाब पर राजनीति कर रही है भाजपा
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में अब तक हिजाब और भगवा को लेकर कोई विवाद नहीं था। भाजपा सरकार जानबूझकर इस मुद्दे को हवा दे रही है। भाजपा का मकसद इस पर राजनीति करना ही है। राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट कर इसे भाजपा का एजेंडा कहा था। उन्होंने इसे निजी आजादी के लिए खतरा भी बताया था।

3 साल पहले भी हुआ था हिजाब को लेकर विवाद
करीब 3 साल पहले भी हिजाब को लेकर स्कूल में विवाद हुआ था। तब फैसला लिया गया था कि कोई हिजाब पहनकर नहीं आएगा, लेकिन पिछले कुछ दिनों से स्टूडेंट्स हिजाब पहनकर स्कूल आने लगीं। इसका विरोध करते हुए कुछ स्टूडेंट्स ने भगवा पहनने का फैसला किया था।