प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देने के दौरान सोमवार के ही मूड में दिखे। सोमवार को उन्होंने लोकसभा में कांग्रेस को जमकर कोसा था। आज भी वे कांग्रेस की नीतियों से लेकर उसके विचारों पर लगातार हमले करते रहे। उन्होंने कांग्रेस शासन काल की महंगाई, जातिवाद, सिखों के नरसंहार और विकास का जिक्र किया।
पीएम ने कहा, ‘यहां पर कहा गया कि कांग्रेस न होती तो क्या होता। ‘इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया’ की सोच का परिणाम है। महात्मा गांधी की इच्छा थी कि कांग्रेस न रहे। वह जानते थे कि इसका क्या होने वाला है। इसलिए वह कांग्रेस को खत्म करना चाहते थे।’
अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता।
अगर कांग्रेस न होती तो इमरजेंसी का कलंक नहीं होता।
अगर कांग्रेस न होती तो दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा होता।
अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी नहीं होती।
अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता।
अगर कांग्रेस न होती तो कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती।
अगर कांग्रेस न होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होती।।
अगर कांग्रेस न होती तो देश के सामान्य आदमी को मूल बिजली पानी जैसी सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना होता।