मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से स्टेट हैंगर पर हुई मुलाकात के बाद कमलनाथ मीडिया पर भड़क उठे। शुक्रवार को मीडिया ने उनसे पूछा कि शिवराज उनसे मिल लिए, लेकिन दिग्विजय सिंह को मिलने के लिए समय नहीं दिया। इस पर गुस्सा होते हुए कमलनाथ ने कहा कि शिवराज ने उन्हें समय नहीं दिया, बल्कि वह सिर्फ स्टेट हैंगर पर मुलाकात हुई थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें लिखित अपॉइंटमेंट चाहिए। टेलीफोनिक अपॉइंटमेंट को मुख्यमंत्री तवज्जो नहीं देते।
कमलनाथ ने कहा कि मैं दो दिवसीय दौरे के बाद छिंदवाड़ा से भोपाल लौटा। उसी समय शिवराज जी भी देवास दौरे के तहत स्टेट हैंगर पर पहुंचे थे। अचानक से स्टेट हैंगर पर हमारी मुलाकात हुई। इसमें सीएम शिवराज ने मुझे बताया कि दिग्विजय सिंह धरने पर बैठ रहे हैं। मुझे उन्हें समय देने में परहेज नहीं। मैंने भी उन्हें कहा कि इस संबंध में दिग्विजय सिंह से बात करूंगा।
धरना स्थल पर दिग्विजय सिंह जी ने सच्चाई बताई। वो तो पिछले डेढ़ माह से मिलने का शिवराज सिंह चौहान से समय मांग रहे हैं। आज का समय दिया। अचानक से निरस्त कर दिया। कांग्रेस का पूरा समर्थन डूब प्रभावितों के साथ है। उनके हर संघर्ष में हम उनके साथ हैं। दोपहर करीब 2 बजे सीएम के प्रमुख सचिव के फोन पर चर्चा के बाद दिग्विजय सिंह ने धरना समाप्त कर दिया।
इससे पहले CM हाउस से करीब 1 किलोमीटर पहले ही पुलिस ने दिग्विजय सिंह को रोक दिया गया था। पुलिस ने यहां बैरिकेडिंग कर रखी है। दिग्विजय यहां समर्थकों के साथ दूरदर्शन केंद्र के सामने ही धरने पर बैठ गए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पहुंचे। टेम और सुठालिया बांध के विस्थापन के मुद्दे पर पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने CM हाउस के सामने धरने का ऐलान किया था।
दिग्विजय ने टेम और सुठालिया बांध मुद्दे पर बात करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर समय मांगा था। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से उन्हें CM से मुलाकात के लिए 21 जनवरी को सवा 11 बजे का समय निर्धारित किए जाने की सूचना दी गई थी, जिसे गुरुवार को निरस्त कर दिया गया। इसे लेकर दिग्विजय ने धरना देने का ऐलान किया है। अब मुख्यमंत्री शिवराज ने दिग्विजय को 23 जनवरी दोपहर 12 बजे मुलाकात का समय दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी डूब प्रभावितों की समस्याओं के निराकरण के लिए दिग्विजय सिंह के धरने में शामिल हुए। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस डूब प्रभावितों के साथ है।
दिग्विजय ने एक बयान जारी कर कहा था कि मुख्यमंत्री के पास किसानों और राज्यसभा सदस्य से मिलने के लिए समय नहीं है। मैं निर्धारित समय पर ही जाऊंगा, यदि वे नहीं मिले, तो कोई ऐतराज नहीं। मैं वहीं बैठूंगा। मुझे गिरफ्तार करना है, तो कर लीजिए, लेकिन यह बर्ताव भारी पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि किसानों की समस्या से अवगत कराने के लिए कोविड प्रोटोकाॅल के तहत छोटे प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलने का समय देने पर निर्णय लें।
राजगढ़ की सुठालिया, भोपाल और विदिशा जिले की सीमा टेम सिंचाई परियोजना से डूब में आने वाले गांव और विस्थापितों के मुआवजा को लेकर सियासत होने लगी है। दोनों परियोजना से पांच हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि डूब में आ रही है। डेढ़ हजार से ज्यादा परिवार विस्थापित होंगे। सरकार इन्हें कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दे रही है। प्रभावित इसे कम बताकर विरोध कर रहे हैं।इनके समर्थन में दिग्विजय सिंह भी आ गए हैं।