Wednesday, September 24

गति पर नियंत्रण नहीं:स्वरूप नगर आरओबी पर काफी ढलान तेज गति में उतरते समय होते हैं हादसे

  • ट्रक और स्कॉर्पियो सामने से आई, शुक्र है कोई हादसा नहीं हुआ

घने कोहरे के दौरान शुक्रवार की अल सुबह बड़ा हादसा टल गया। दरअसल एक ट्रक तेज गति से नीचे उतर रहा था। तभी स्कॉर्पियो सामने से आई। जैसे ही दोनों चालकों की नजर एक दूसरे की लाइट पर पड़ी तो दोनों ने ही विपरीत दिशा में वाहन मोड़ दिए। इस आरओबी पर पूर्व में भी दो हादसे हो चुके हैं। ज्यादा ढलान होने के कारण एक तक सीधा मकान से टकरा गया था। दूसरा बिजली के खंभे से इस दौरान भी दो बड़े हादसे टल गए थे। उसके बाद भी सबक नहीं लिया। मोड़ पर ट्रैफिक की गति नियंत्रण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

स्वरूप नगर आरओबी पर काफी ढाल है। वाहन तेज गति से नीचे उतरते हैं। सड़क पर अंधा मोड़ है। इसके आरओबी से उतरते सड़क से चढ़ते हुए वाहन चालकों को दूर से दिखाई नहीं देते। जब भी कोई वाहन आमने सामने दिखाई देता है उसको बचाने के चक्कर में कोई सीधा वाहन उतार देता है। कोई नीचे की तरफ उतरने की कोशिश करता है। ढलान पर भरे ट्रक और डंपरों के ब्रेक नहीं लगते।

पूर्व में भी इसी प्रकार से एक ट्रक ओवर ब्रिज के सामने चौरसिया परिवार के मकान में घुस गया था। तो दूसरा बिजली के खंभे से टकराकर खड़ा हो गया था। इससे बड़ी घटनाएं टल गई थी। 31 दिसंबर को भी ऐसा ही हुआ लेकिन चालकों की सतर्कता से आपसी भिड़ंत बच गई। कोहरे के कारण दूर से कुछ दिखाई नहीं दिया। जब दोनों वाहन नजदीक है। चालकों के हाथ पांव फूल गए लेकिन घटना बाल-बाल बच गई।

अधिकारी भी मानते हैं 90 डिग्री का मोड़, फिर भी समाधान नहीं
अधिकारी भी मानते हैं यह मोड़ खतरनाक है। कुआं हादसे के दौरान कलेक्टर ने भी इस सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर भिजवाया था। लेकिन अब तक लोक निर्माण विभाग को ओवर ब्रिज के दोनों तरफ तीन तीन सौ मीटर सीसी सड़क निर्माण प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिली। लोक निर्माण विभाग का कहना है सड़क पर गति अवरोधक बनाने के लिए शासन से स्वीकृति लेना पड़ेगी। निकट भविष्य में इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

पहले की घटनाओं से नहीं लिया सबक
लाल पठार के नागरिकों का कहना है पूर्व की घटना को लेकर अब तक प्रशासनिक तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंधे मोड़ पर कभी भी राहगीर ओवर ब्रिज से आ रहे किसी बड़े वाहन की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए अंधे मोड़ पर वाहनों की तेज गति पर अंकुश लगाने के लिए ओवर ब्रिज के दोनों तरफ गति अवरोधक बनाए जाना जरूरी है। इसी प्रकार और ब्रिज अंतिम उतार पर गति अवरोधक निर्माण किया जाना चाहिए। इससे आए दिन बन रही हादसे की स्थिति को टाला जा सके।

आधा दर्जन स्कूल के बच्चे इसी मार्ग से आते हैं
इस सड़क पर आधा दर्जन शासकीय प्राइवेट स्कूल है। इसके कारण छात्र-छात्राएं साइकिलों और बहनों से आते जाते रहते हैं। थोड़ी सी लापरवाही के चलते अभी भी कोई छात्र-छात्रा या ग्रामीण और ब्रिज से तेज गति में आ रहे ट्रक की चपेट में आ सकता है। इसके कारण शांति में खलल पड़ सकती है। पूर्व में भी ऐसी ही घटनाओं के चलते नगर में वाहन जलाए जा चुके हैं। रहवासियों की मांग है। सड़क के दोनों तरफ जल्द से जल्द लोक निर्माण विभाग फिलहाल गति अवरोधक बनाए इसके साथ ही ओवर ब्रिज पर उतरने वाले वाहनों की गति को नियंत्रित करने ढलान पर भी गति अवरोधक बनाए जाए।

समस्या का हल पर मंथन
ओवर ब्रिज पर 90 डिग्री का मोड़ है। पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। इस समस्या का हल करने के लिए मंथन चल रहा है। जल्दी कोई ना कोई हल निकालने की कोशिश की जाएगी। -आरके सिंघई, उपयंत्री लोक निर्माण विभाग गंजबासौदा।