उत्तरप्रदेश चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के 3 बड़े नेताओं के ठिकानों पर एक साथ इनकम टैक्स की छापेमारी हुई है। मऊ में सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय, लखनऊ में जैनेंद्र यादव और मैनपुरी में मनोज यादव के घर छापे की कार्रवाई चल रही है। ये तीनों ही नेता सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी हैं। ये पार्टी के फाइनेंसर माने जाते हैं। जैनेंद्र यादव अखिलेश के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके ओएसडी भी रह चुके हैं। चुनाव के पूर्व हुई इस छापेमारी को सियासी एंगल से भी देखा जा रहा है।
राजीव राय के दुबई और बेंगलुरू में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज
सबसे पहले राजीव राय के मऊ में सहादतपुरा आवास पर छापे की खबर आई। शनिवार सुबह करीब 7 बजे इनकम टैक्स ने छापेमारी की। राय 2014 में लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। राय के दुबई और बेंगलुरू में मेडिकल कॉलेज हैं। इनकम टैक्स की छापेमारी की खबर मिलते ही उनके समर्थक बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। वे भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
घोसी से चुनाव लड़ने की तैयारी है राय की
राजीव राय शुरू से ही सपा से जुड़े हुए हैं। राजीव राय का बेंगलुरू में मेडिकल कॉलेज की चेन है। भूमिहार नेता के तौर इनकी पहचान है। मऊ, बलिया और गाजीपुर क्षेत्र में भूमिहारों में अपनी पकड़ रखते हैं। यह मूलत: बलिया के रहने वाले हैं। अखिलेश यादव राजीव राय को घोसी से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। ऐसे में यह तीन महीने पहले ही मऊ में शिफ्ट हुए हैं। अभी उन्होंने वहां आवास लिया है और अपना कार्यालय खोला है।
अखिलेश के ओएसडी रह चुके हैं जैनेंद्र यादव
लखनऊ में जैनेंद्र यादव के गोमती नगर आवास पर इनकम टैक्स की टीम पहुंची है। अखिलेश से करीबी होने की वजह से उनके ओएसडी बने थे। इसके बाद जैनेंद्र यादव ने रियल स्टेट में कदम रखा। आगरा लखनऊ और कई अन्य शहरों में जैनेंद्र की कई जमीने हैं। इसके अलावा इनकी मिनरल वाटर की फैक्ट्री भी है।
मनोज यादव बड़े कारोबारी हैं
मैनपुरी में मनोज यादव के घर छापेमारी हुई है। वे आरसीएल ग्रुप के चेयरमैन हैं। सपा नेता मनोज यादव आरसीएल ग्रुप के मालिक हैं। मैनपुरी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर लंबे समय से सपा काबिज है। मनेाज यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश की कोर टीम के सदस्य माने जाते हैं।