शिवराज कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में 18 हजार करोड़ के सेकंड सप्लीमेंट्री बजट को मंजूरी दे दी गई। पहले यह बजट 10 हजार करोड़ अनुमानित था। अनुपूरक बजट में इस बढ़ोतरी की वजह जीएसटी में कमी आना है। नवंबर तक 1955 करोड़ रुपए की कमी आई है। मंत्रिपरिषद की बैठक में वित्तीय स्थिति ठीक न होने की बात आई, जबकि खर्चों में कमी नहीं आई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोनाकाल में 2019 के मुकाबले 2021 में हमने 40% ज्यादा राशि इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च की, जिसके कारण हमें केंद्र से 0.5 प्रतिशत यानी 5200 करोड़ रुपए कर्ज की पात्रता बढ़ी। इसलिए वित्तीय वर्ष के बाकी साढ़े तीन महीनों में वित्तीय प्रबंधन ठीक करना है।
कैबिनेट द्वारा अनुमोदन किए अनुपूरक बजट को अब मंजूरी के लिए विधानसभा सत्र में लाया जाएगा। खर्चे बढ़ने की वजह आकस्मिक खर्चों में बढ़ोतरी होना है। प्रदेश की चरमराई वित्तीय व्यवस्था को पटरी पर लाने सरकार को 50938 करोड़ का कर्ज लेना होगा, जो जीडीपी का 4.5% है।
कैबिनेट के अन्य फैसले
- प्रदेश में 14 से 28 जनवरी तक आनंद उत्सव आयोजित करेंगे।
- 9 हजार करोड़ की 22 समूह जलप्रदाय योजनाओं को मंजूरी।
- 17 जिलों के 6117 गांवों में घरों तक पानी उपलब्ध कराने 9373 करोड़ से 22 योजनाओं को मंजूरी।
- आगरा-मुंबई रोड गुना में राज्य परिवहन विभाग की बस डिपो को 32 करोड़ रुपए।
- डबरा में बस डिपो को 5 करोड़ 52 लाख रुपए में बेचे जाने को मंजूरी।