हेलिकॉप्टर क्रैश में बुधवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई। जनरल रावत CDS बनने से पहले सेना प्रमुख के अलावा कई अन्य अहम पदों पर रहे। CDS रहते उनके सख्त रवैये से दुश्मन देशों को भी तकलीफ होती थी। चीन को जनरल रावत भारत का दुश्मन नंबर 1 कहते थे और पाकिस्तान को दुष्ट राष्ट्र। चीन को लेकर तो रावत खुलकर बोलते थे। पिछले महीने ही उनके एक बयान से चीन काफी बौखला गया था।
आखिर रावत ने कहा क्या था?
13 नवंबर 2021 को CDS बिपिन रावत ने कहा था- भारत की सिक्योरिटी के लिए चीन सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। पिछले साल चीन से लगे सीमावर्ती इलाकों में लाखों जवानों और हथियारों की तैनाती की गई थी। उनका जल्द बेस की तरफ लौटना मुश्किल लगता है।
चीन ने कहा था- ऐसे बयानों से टकराव बढ़ेगा
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने रावत के इस बयान को उकसावे भरा, गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा था- ऐसे बयानों से जियो-पॉलिटिकल टकराव को बढ़ावा मिल सकता है। भारतीय अधिकारी बिना किसी कारण के चीनी खतरे पर अटकलें लगाते रहते हैं, जो दोनों देशों की ऑफिशियल पॉलिसी के खिलाफ है।
CDS बिपिन रावत चीन और पाकिस्तान पर खुलकर बोलते थे। इस पर कई बार इन दोनों देशों ने आपत्ति भी जाहिर की थी।
CDS रावत ने चीन को पहले भी कई बार निशाने पर लिया है, जिस पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हम ऐसे 4 बयान लेकर आए हैं…
1. चीन के ‘माय वे ऑर नो वे’ के सामने भारत मजबूत
15 अप्रैल 2021 को CDS बिपिन रावत ने रायसीना डायलॉग में कहा था- चीन चाहता है ‘माय वे ऑर नो वे’। भारत उसके सामने मजबूती से खड़ा है। हमने साबित किया है कि किसी भी तरह का दबाव डालकर हमें पीछे नहीं धकेला जा सकता।
जनरल रावत के बयान पर जब चीन से जवाब मांगा गया तो चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने इसे ‘खारिज’ कर दिया। कहा- ये बयान पूरी तरह तथ्यों से परे है।
2. चीन टेक्नोलॉजी में आगे, तो हम भी कुछ कम नहीं
8 अप्रैल 2021 को विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में एक कार्यक्रम के दौरान बिपिन रावत ने कहा था- हमें इस बात का अहसास है कि तकनीक के मामले में चीन काफी सक्षम है। वो भारत पर साइबर हमले करता रहता है। भारत भी चीन के साइबर अटैक से निपटने के लिए अपने साइबर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने की पूरी कोशिश में जुटा हुआ है।
3. चीन अगर मजबूत है, तो भारत भी कमजोर नहीं
जनवरी 2018 में सेना प्रमुख रहते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा था- चीन अगर मजबूत है, तो भारत भी अब कमजोर नहीं है। भारत अपनी सीमा पर किसी भी देश को अतिक्रमण नहीं करने देगा। अब हालात 1962 जैसे नहीं हैं। हर क्षेत्र में भारतीय सेना की ताकत बढ़ी है।
रावत के इस बयान पर भी चीन ने आपत्ति जताई थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा था- इस साल भारत और चीन के संबंधों में काफी उथल-पुथल रही है। ऐसे बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाएंगे।
4. भारत दो मोर्चे पर युद्ध के लिए तैयार
सितंबर 2017 में सेना प्रमुख रहते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा था- भारत को चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उनका ये बयान डोकलाम स्टैंडऑफ के एक हफ्ते बाद ही आया।
चीन ने इस पर कहा था- ऐसी बयानबाजी दोनों देशों के रिश्ते खराब कर सकती है। वो दो मोर्चों पर युद्ध की तैयारी की बात कर रहे हैं, लेकिन ये कॉन्फिडेंस कहां से आ रहा है?