Tuesday, September 23

महंगे पेट्रोल-डीजल पर बवाल:सीतारमण बोलीं- लोग राज्य सरकारों से पूछें कि उन्होंने टैक्स क्यों नहीं घटाया

पेट्रोल-डीजल के ऊंचे दामों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार रात में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लोगों को अपने राज्य की सरकार से पूछना चाहिए कि उन्होंने पेट्रोल-डीजल की दरों में कटौती क्यों नहीं की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद राज्य सरकारों से भी वैट में कटौती की मांग की थी। अब यह लोगों को उन पार्टियों से पूछना चाहिए जिन्हें उन्होंने वोट दिया था।

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाई थी। इसके बाद कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और लद्दाख इस पर वैट में कटौती कर चुके हैं।

गैर-भाजपा शासित राज्यों ने वैट नहीं घटाया था
केंद्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद एक तरफ भाजपा शासित राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में तुरंत कटौती कर दी थी, तो वहीं राजस्थान, केरल, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों ने अभी तक वैट में कटौती नहीं की है।

टैक्स के बाद 2 गुना से ज्यादा महंगा हो जाता है पेट्रोल
देश में पेट्रोल का बेस प्राइस तो अभी 47.93 रुपए के करीब ही है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लगने वाले टैक्स से इनकी कीमतें देश के हिस्सों में 115 रुपए के करीब पहुंच गई हैं। केंद्र सरकार 27.90 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं। इससे पेट्रोल का दाम बेस प्राइज से 2 गुना से भी ज्यादा हो जाता है। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पर 51.89 और डीजल पर 34.48 रुपए से भी ज्यादा टैक्स वसूला जाता है।

एक्साइज ड्यूटी के कारण बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम:विपक्षी दल
वैट में कटौती न करने को लेकर विपक्षी दलों ने तर्क दिया है कि मोदी सरकार ने बीते सालों में एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद इसमें केवल मामूली कमी की है। उनका दावा है कि राज्य सरकारों ने वैट में बढ़ोतरी नहीं की, इसलिए इसे कम करने का कोई सवाल ही नहीं है। वहीं अगर केंद्र अपनी एक्साइज ड्यूटी को कम कर देगा तो पेट्रोल डीजल के दाम आपने आप कम हो जाएंगे।

पेट्रोल- डीजल को GST में लाने का फैसला परिषद करेगी
निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ हुई एक बैठक के बाद बताया, “पेट्रोल और डीजल को गुड सर्विस टैक्स (GST) में तब तक शामिल नहीं किया जा सकता जब तक कि GST परिषद उन्हें शामिल करने के लिए दर तय नहीं करती।”