श्रीगंगानगर. राजस्थान के सूरतगढ़ से बुधवार सुबह करीब 11.00 बजे एक बारात निकली। रायसिंहनगर के लिए। फूलों से सजी एक गाड़ी के पीछे छह और गाड़ियां। करीब डेढ़ घंटे में बारात रायसिंहनगर पहुंच गई। लेकिन शहर में घुसते ही हर गाड़ी अलग-अलग दिशा में चल दी। सबके ‘जनवासे’ जो अलग थे। वह भी ऐसे जहां कोई घराती इन बारातियों के स्वागत को तैयार नहीं था। क्योंकि ये बाराती उनका जुलूस निकालने आए थे।दरअसल, यह बारात आयकर अफसरों की थी, जिन्होंने टैक्स चोरों को पकड़ने के लिए जिले में अभियान चला रखा है। लेकिन परेशानी यह थी कि विभाग की टीमों के किसी भी शहर-कस्बे में पहुंचने से पहले ही व्यापारियों को भनक लग जाती थी। इसके बाद वे या तो दुकान बंद कर इधर-उधर हो जाते या अपना रिकॉर्ड दुरुस्त कर लेेते थे। इसलिए इस बार दबिश देने की यह दिलचस्प तरकीब निकाली गई। इसका फायदा यह हुआ कि कस्बे में किसी को इनके पहुंचने की भनक ही नहीं लगी। लेकिन छापा पड़ते ही हड़कंप मच गया। छापे के अजब तरीके की चर्चाएं फैलीं और जो दुकानदार बचकर भाग सकते थे वे दुकानें बंद कर निकल लिए।
-एनअार कपूर, ज्वाइंट कमिश्नर, इनकम टैक्स, श्रीगंगानगर