भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर चौतरफा विरोध का सामना कर रही केंद्र सरकार ने अध्यादेश का बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि यह किसानों के अनुकूल है और सुझावों पर ध्यान देने के लिए वह तैयार है। संसद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अध्यादेश 31 दिसंबर के पहले लाया गया था।
मंत्री ने कहा कि जिस भूमि का अधिग्रहण होगा, उसका इस्तेमाल ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे सिंचाई व सड़क निर्माण के लिए होगा, जिससे किसानों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का इरादा निजी क्षेत्रों या कॉरपोरेट के लिए भूमि अधिग्रहण कतई नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि अध्यादेश में कहा गया है कि औद्योगिक गलियारा दो किलोमीटर से ज्यादा चौड़ा नहीं होगा और यहां कृषि-प्रसंस्करण उद्योग स्थापित होंगे। यह किसानों के लिए मददगार साबित होगा।’ गडकरी ने कहा, ‘यह गलतफहमी है कि हम निजी क्षेत्रों के लिए जमीन अधिग्रहण करेंगे। जो परियोजनाएं निजी सार्वजनिक साझेदारी (पीपीपी) की होगी, वह अंतत: सरकार के ही नियंत्रण में होगी।’
उन्होंने कहा, ‘आज के उद्योगपति नहीं चाहते कि उनके लिए जमीन का अधिग्रहण सरकार करे। वह खुद जमीन खरीदना ज्यादा मुनासिब समझते हैं। इस कानून के तहत जिन जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा, उसका इस्तेमाल सार्वजिक कार्यों के लिए किया जाएगा