
सतपाड़ा सराय सोसायटी के 200 किसानों ने सतपाड़ा जिला सहकारी बैंक प्रबंधन पर गोलमाल करने के आरोप लगाए हैं। मंगलवार को गांव के दो दर्जन से ज्यादा किसानों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। किसानों का आरोप है कि उन्हें मिलने वाले किसान क्रेडिट कार्ड के पैसे जमा कर देने के 2 साल बाद भी उन्हें दोबारा बैंक का कर्जदार बना दिया है, जबकि उन्होंने रकम जमा कर दी थी।
किसानों का कहना है कि उनके पास इसके सबूत भी हैं। कई किसान तो कलेक्टोरेट में सबूत के तौर पर रशीद भी लेकर आए थे। सतपाड़ा सोसायटी के तहत आने वाले सहजाखेड़ी के लोकेश शर्मा का कहना था कि वह सतपाड़ा सोसायटी के किसान हैं। उन्होंने 2021 के किसान क्रेडिट कार्ड का पैसा जमा किया था, लेकिन उस रकम को 2018 के केसीसी में जमा कर दिया गया, जबकि लोकेश शर्मा ने 2018 का केसीसी जमा कर दिया था। इसके चलते वह दोबारा से कर्जदार हो गए हैं।
किसानों ने यह आरोप भी लगाए हैं कि सोसायटी प्रबंधक ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद से बैंक में दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने बताया कि दस्तावेजों में व्हाइटनर लगाकर सच्चाई छिपाई जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि आत्महत्या और फर्जीवाड़े के तार आपस में जुड़ सकते हैं। किसानों का कहना है कि कर्ज के चलते उन्हें अपनी फसल के लिए न तो कर्ज मिल पा रहा है और न ही वह कोई और काम कर पा रहे हैं। प्रत्येक किसान पर एक से डेढ़ लाख का कर्ज होने की बात कही गई है।